अस्तित्व का प्रवाह | Astitva Ka Pravah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फ हर वस्तु अपने आप में है सुन्दर
और चही भांख उसे देख सकती है.
जो गहराई से झाकिटुंसकती अन्दर
गौर यदि हमारा हृदय है उज्जवल मौर सुन्दर
तो हमको सौन्दर्य हो दीलेगा
सभी जगह सब वस्तुओं के अन्दर जे
फ देखने वाले की आँख में
सौन्दर्य की जगमगाती ज्योति
से अधिक ज्योतिर्म॑य है
चाहने वाले के हृदय में उसके प्रीत का मोती ५
अस्तित्व का प्रवाह : सोहनराज कोठारी श्श
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