दयानन्द की विद्वता | Dayanand ki Viduta
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
405 KB
कुल पष्ठ :
22
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ४ )
चेलोक्यकदिख्यातगुणं त्व॑ विप॑जनधपिष्यसि ।
साचक्षचंविशिष्ट वे तत सतत्कूतं सया ॥ ४ ॥#
व्यत्यासस्तुकुतोयसमा-त्वयासाचाचते शुभे ।
तस्मात्सान्नासाणश ष्ठ सातातेजनयिष्यति ॥६ूं॥
सझचियं तथकससिं त्वंभट्री जनयिष्यसि ।
नहिचतत्कूतंसाध . सातृस्नेहेनभाविनि ॥ 9 ॥
सामत्वाशोकसंतझा परपातवरवशिनी ।
भूसी सत्य॑वती राजं-श्छिन्ञेवसचिरालता ॥ ८ 0
अतिलभ्यचसा संज्ञां शिरसाय शिपत्थच ।
उचाच -भोया .सर्तार गाधेयो भार्गचष भमू प॥
असादयन्त्यां भाययासयि. न्रहाविदास्वर !
असादंकरु विम्रद नसेस्यात्क्षघिय: सुतः ॥९०॥
कामसंससो य्रकर्मावि, पौच्ोभवितुमहति ।.....
नतुमेस्यात्स तो ब्र घान्ते षसे दो यतावर: ॥ १९ ॥ ..
सर्वसरसि्त्वितिहो वाचस्वां. भायंससहातपा:
ततृ: सा जनयासास- जसदर्निं सःतंश भभ, ॥१२॥
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