सभापति का भाषण | Sabhapati Ka Bhashan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sabhapati Ka Bhashan by मौलाना अबुल कलाम आजाद - Moulana Abdul Kalaam Ajad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मौलाना अबुल कलाम आजाद - Moulana Abdul Kalaam Ajad

Add Infomation AboutMoulana Abdul Kalaam Ajad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्द्‌ पर उसका क्या भ्रसर पडनेवाला है तो हम इस बात से बेखबर नही थे कि सन्‌ १७ श्र सन्‌ १४ में ब्रिटिश गवरमेट की पालिसी क्या थी। हम जानना चाहते थे कि सन्‌ ३ के इस ससार में, जो इस तेजी के साथ दौड रहा है प्रौर बदल रहा है कि दिनो के भ्रन्दर सदियो की चाल पुरी कर रहा है, हिन्दुस्तान को ब्रिटिश गवरमेट किस निगाह से देखना चाहती हैं। उसका दृष्टिकोण अब भी बदला हैं या नहीं। हमे साफ जवाब मिल गया कि नहीं बदला । ब्रिटिश गवरमेट भ्रब भी अपनी साम्राज्य पिपासा मे कोई परिवतेंन नहीं कर सकी । हमें विदवास दिलाया जाता हैं कि ब्रिटिश गवरमेट इस बात की बहुत अधिक इच्छुक हैं कि भारतवर्ष जहाँ तक सभव हो जल्दी उपनिवेश्षो का रुतबा यानी डोमीनियन स्टेटस प्राप्त कर ले। हमे मालूम था कि ब्रिटिश गवरमेट श्रपनी यह इच्छा प्रकट कर चुकी है। अरब हमें यह बात मालूम हो गई कि वह इसकी ““बहुत ज्यादा इच्छुक है।” किन्तु प्रकन ब्रिटिश गवरमेट की इच्छा आर उस इच्छा के कम, ज्यादा या बहुत ज्यादा होने का नही है। साफ श्रौर सीधा प्रइन भारतवर्ष के अधिकार का हैं। भारत- वर्ष को यह भ्रधिकार हासिल हैं या नही कि वह श्रपने भाग्य का स्वय फैसला कर लें? इसी एक प्रश्न के उत्तर पर इस समय के सारे प्रइनो का उत्तर निभर है। भारतवर्ष के लिये यह प्रइन नीव की असली ईट हैं। वह इसे हिलने नही देगा। यदि यह हिल जाय तो भारतवर्ष के कौमी अस्तित्व की सारी इमारत हिल जायगी। जहाँ तक लडाई का सबध हें हमारे लिये परिस्थिति बिलकुल साफ हो गई । हम ब्रिटिश साम्राज्य का चेहरा इस लडाई के अन्दर भी उसी तरह साफ साफ देख रहे हे जिस तरह हमने पिछली लडाई में देखा था श्रौर हम इस बात के लिये तय्यार नहीं हे कि उसकी जीत के लिये लडाई मे हिस्सा ले । हमारा श्रभियोग बिलकुल स्पष्ट हैं। हम श्रपनी परतन्त्रता की श्रायु बढाने के लिये ब्रिटिश साम्राज्य को अ्रघिक मजबूत श्र श्रधिक विजयी देखना नहीं चाहते। हम ऐसा करने से साफ़ साफ इनकार करते है। हमारा मार्ग निस्सदेह इसके ठीक विपरीत दिशा मे है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now