श्री उदयामिनन्दन-हीरक -जयंती-ग्रन्थ | 909 Shri Udyabhinandan Hirakjaynti Garnth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
46 MB
कुल पष्ठ :
1108
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)1व गाडगोल
योजना धाषोग
नई देहली
दिनांक : ८ फरवरी, १९६५८
प्रिय श्री माथुर,
हुष का विषय हूं कि राजवंद्य पंडित श्री उदयचन्द्रजी भट्टारक-लोक
प्रसिद्ध “चांसोद गुरांसाहिब” के हीरक जयन्ठी समारोह के शुभ श्रवसर
पर राजस्थान की जनता ने उनका नागरिक श्रमिनन्दन विशाल पैमाने
पर फरवरी १९६८ में मनाने के साथ ही उन्हें एक उत्कृष्ट श्रमिनन्दन
न्य भेंट करवे का निर्णय किया है ।
श्री युरांसाहिव के रजत जयन्ती समारोह एवं श्रभिनन्दन ग्रंथ के
सफल प्रकाबन के लिए मेरी हादिक मंगलकामनाएँ सर्मापत है ।
आ्रापका,
घ्ंजबराव गाडगोल
खाद्य, कृषि, सामुदायिक विकास
तथा सहकारिता मन्त्री
भारत सरकार
नई दिल्ली ।
दिनांक : ६ फरवरी, १९६६६
राजवेद्य पं० उदयचन्द्र भट्टारक, जोधपुर के होरक-जयम्ती
समारोह के श्वसर पर उन्हें एक श्रभिनन्दन ग्रथ भेंट किया जा रहा है,
यह जानकर प्रसन्नता हू ।
चिकित्सा क्षेत्र में पं० उदयचन्द्र जी का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
भ्रायुर्वेदिक पद्धति के विकास, प्रचार श्रोर प्रसार में इनका योगदान देश
के युवा चिकित्सकों के लिए मार्गदर्शन देगा ।
मेरी शुभ कामना है कि पं० उदयजन्द्र दीर्घाय हो एव सर्दैव देश
व समाज की सेवा में रत रहे ।
जगजीघन राम
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