भारतीय का सविधान | Bharat Ka Savidhan

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Bharat Ka Savidhan by राजेन्द्र प्रसाद - Rajendra Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनुच्छेद पृष्ठ संख्या १९३ गनुच्छेद १८८ के अधीन शपथ या प्रतिज्ञान करन से पूर्व अथवा न होते हुए अयवा अनह किये जान पर बैठने शरीर मत देने के लिये दंड कक पं समा भा श्ण्द राज्य के विधात-मंडछों और उनके सदस्यों की. दाक्तियां, विशोषाधिकार और उन्मुक्तियां १९४. विधान-मंडलों के सदनों की तथा उन क सदस्यों और समितियों की थक्तियां, विश्षेपाधिकार आदि दर इन १०३ १९५. सदस्यों के वेतन भर भत्ते की की १०४ विधान-प्रक्रिया १९६. विधयकों के पुरस्थापन और पारण विषयक उपबन्ध .. बस ०४ १९७ धन-विधयकों से अन्य विधेयकों के वारे में विधान-परिपद्‌ की थवितियों का निर्वेस्धन ... बा जि कर १०५ २९८ घन-विधेयकों विषयक विशेष प्रक्रिया ..., बस जि १०६ १९९ धन-विधेयकों की परिभाषा छा कि का १०७ २००. विधेयकों पर अनुमति थक बा १०९ २०१. बिचारार्थ रक्षित विधेयक मी न ११० वित्तीय विपयों में प्रक्रिया २०२ चार्पिक-वित्त-विवरण दि किक कि ११० २०३. विधान-मंडल में प्राककलनों के विपय में प्रक्रिया ११२ २०४. विनियोग विधेयक ..« भी कक ११२ २०५. अनुपरक, अपर या अतिरिक्त अनुदान स्व सर ११३ २०६. लेखानुदान, प्रत्ययानदान और अपवादानुदान जप ० ११४ २०७ वित-विधेप्रकों के लिये विशेष उपबः मय पर ११५ साधारणतयथ्रा प्रक्रिया २०८ प्रक्रिया के नियम कर ही ११५ २०९ राज्य के वियातनसंडछ में वित्तोध कार्य सम्बन्धी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन न हद नि ११६ २१०. विवान-मंडल में प्रयोग होने वाछी भाषा कर ११६ २११. विधान-मंडल में चर्चा पर निर्वेस्धत लि ११७ २१२. न्यायालय विधान-मंडछ की कार्यवाहियों की जांच न करेंगे लि ११७ अध्याय ४.--राज्यपाल की विधाधिनी डाक्तियं २१३. विधान-मंडछ के विश्वान्ति-काछ में राज्यपाल की अध्यादेड-प्रस्यापन- झक्ति न दल ७०० नि २१७




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