सांख्यिकी के सिध्दान्त | Sankhiyaki Ke Siddhant

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : सांख्यिकी के सिध्दान्त  - Sankhiyaki Ke Siddhant

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

आचार्य शिवपूजन सहाय - Acharya Shiv Pujan Sahay

No Information available about आचार्य शिवपूजन सहाय - Acharya Shiv Pujan Sahay

Add Infomation AboutAcharya Shiv Pujan Sahay

एस० एम० शुक्ल - S. M. Shukl

No Information available about एस० एम० शुक्ल - S. M. Shukl

Add Infomation AboutS. M. Shukl

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्भ साध्यिवी के सिद्धान्त (३) सेक्राइस्ट द्वारा दो गई परिभाषा सैक्राइस्ड (54८56) के ग्रनुसार 'सास्यिवी से हमारा तात्पर्य उन तथ्यों के समूह से हे जो भ्रनेद कारणों से पर्याप्त मात्रा में प्रभावित होते हैं, जो सश्या स व्यक्त किये जाते हैं, जिनकी गणना या. अनुमान युद्धवा के एक उचित स्तर के प्रनुमार दी जाती है तथा जिन्हे पूर्व निश्चित उद्देश्य के लिए व्यवस्थित रीति से एवन्रित किया जाता है श्ौर जो एक दूसरे मे सम्बन्धित रूप में प्रवट किए जाते हैँ ।”!० झालोचना--यह परिभाषा भी उपयुक्त नहीं है क्योंकि इसम साश्यियी विज्ञान को प्राकडो के प्र्थ से प्रयोग दिया गया है न कि एक विज्ञान थे रूप में । (४) वेब्स्टर की परिभाषा चेम्स्टर (पेड»िडटर के दाव्दो मे 'सार्यिकी किसी राज्य के लोगों की दया के बारे में वर्गीइत तथ्य हैं. मुख्यत. वे तथ्य हैं जो संख्याग्रों में, था सख्याध्रों वी सारशियी में या विछी सारशित या. वर्गीडृत ब्यदस्थां में व्यक्त किये जा सकते हैं 21 ठीक इससे ही मिलती-जुलती परिमाषा डा० मेयर (07. १25८) ने भी दी है । श्रालो़ना--प्रपम इस परिभाषा के प्रनुसार इस विज्ञान का क्षेत्र एक राज्य के लोगों की दशा के म्रध्ययन तक हो सीमित है । डूसरे, 'स्टेटिस्टिक्स” दाब्द का प्रयोग इन सोगों ने झाँकडो के प्रथ मे किया है न वि. विज्ञान के श्रर्य में ॥ इन कारणों से ये परिभाषार्थे ठीक नहीं हैं । न (४) किंग के श्रनुसार परिभाषा * किंग (छठ) लिखते हैं कि 'साख्यिवी विज्ञान वह प्रणाली है ईजिसके द्वारा किप्ली एक गणना या प्रनुमानों के संग्रहस के विद्लेपण से प्राप्त फलों के द्वारा सामुहिक, प्राकृतिक मा सामाजिक घटनागम्रो वा विवेचन दिया जाता है 12 10. छू इध्यपडिएंटड कट उफट्याा 2एुट८टु81८ 0 वि ्िटिटाटठ 16. 2. घाथर),ट्ते €श्टपा, 99 फापॉघरटाए पी ८७८५, रण], ट्जाटइडट्ते, ट्ाए- ए़टरग ते 07. ८5घंप्ा2166. 2८८०ठीफट्ट (0. इ८50ए39015 अत घी 2८०८प्पण्द, ध्णात्लटत उप 2. इजडॉटाणपट घाघा्टा छिए 2 ़ाटतेंटटान सापह्ठे फ़्फाफ़घ€ 2च्ते फ2८९ दच इडी2पं०9 (0 टवट 06ा, जिया 11, 55८५ 2 टीसविटिते थिटॉंड इच्डफ्टटपफ धणशाएं।पं00 0 धट ००८ का 2. डॉट उछटपंवएक फं0$ट दिटिच परटप टवप 9८ 521८0 उप इण्फॉफटाइ 08 19 (29िट 0 फ्प्ा टाई 0 ला 2 प्ट्िणो 3६ 0. ८] 2बकोन पीह्तें डताअ्ुटापटाा नकल 12 'द्ंध्यव्ट पी बिफिपंटड ह छीट स्ल्ा०त ० उणठेझोप ट्णाटलतश्ट, एय0घ- इसी 07. उ0०टंडी छुपटप0फटघय विणव चिट उच्च ०0पतटते छ7 घट बचाएं 0. उच ट्पा्ाटरवं0ा 0. ट््पेटट्ंएप 0. ट्पिप्ठ3(ट5, नण्द




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now