ब्रजभाषा और खड़ीबोली का तुलनात्मक अध्ययन | Brajabhasha Aur Khadiboli Ka Tulanatmak Adhyayan

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Brajabhasha Aur Khadiboli Ka Tulanatmak Adhyayan by कैलाशचन्द्र भाटिया - Kailashachandra Bhatiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द्क पद ( दे ) प'रसग-ब्जमाषा-खड़ी बोली, सर्वलाम-पुरुषवाचक-ब्रज- भाषा-खडीबोली, निश्चयवाचक, सम्बस्थवाचक-ब्जभाएएं -खडीबोली, नित्य सस्बस्धी, प्रइ्नवाचक, शभिव्चय- ना वक-ज्ज-खडी, निजवाचक, सयुक्त सर्वनाम, विशेषरा के समान प्रयुक्त सर्वेनाम-ब्ज-खड़ी, विशेषगा-ब्रज- भाषा-खड़ीबोली, संख्यावाचक बविक्षेपणा; क्रिया, सहायक क्रिया होना -जजभाषा-खड़ीबोली, साधारण क्रिया- ब्रजभाषा-खड़ीबोली, कृदन्त-बजभापा-खडीबोली, काल- रचना-ब्रजभाषा-खडीबोली, क्रियाथक संज्ञा-ब्रजभाषा- खड़ीबोली, सयुक्त क्रिया-ज्जभापा-खडीबॉली, प्रेररणार्थक क्रिया-ब्रजभाषा-खडोबोली, नामघातु, क्रिया में लिंग का प्रभाव; झव्यय, क्रिया. घिरेषरण-ब्जभाधा-खड़ी- बोली, समुच बोधक-ब्रजभापा-खड़ीबोली, सनोभाव- वाचक, रचनात्मक उपसभग तथा प्रत्यय, उपसंग, प्रत्यय । परिशिष्ट--?१ : ब्जभाषा तथा खडीबोली का “'अ्रवधी' से श्रन्तर २: सहायक सामग्री अनुकरम रिका! चित्र १. सानचधित्र : ब्जभाषा तथा खडीबोली का क्षेत्र २. रेखासरित्र : व्यंजन-गुच्छ् १३ २९९ रर५ १२० १३२,




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