नयोजन तथा आर्थिक विकास | Niyojan Tatha Arthik Vikas
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
401
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आर्थिक विकास में नियोजन का महत्व है
(2 सोवियत रूस व नाजो जर्मती मे नियोजन की अप्रत्याशित सफलतायें--
विश्व वे विकाससीस व विवसित राष्ट्रो मे आाधिक नियोजन की लोवप्रियत्ता वा
दूसरा कारण रूस व जर्मनी में इसवी अमूतपूर्व॑ सफलता थी । 1917 की ब्राति के
बाद रूस ने आधिक नियोजन वा मागें अपनाकर अपनों पिछड़ी कये-व्यवस्था को
बहुत ही समृद्ध एव दक्तिशालो बनाकर सम्पूर्ण विश्व को आरचयें चकित कर दिया ।
इसी प्रकार 1933 मे जमंनी स व्याप्त बेरोजगारी के निवारण के लिये बनाई गई
चार-वर्षीय योजना पर्याप्त सफल रही । अत सभी राष्ट्रो मे आर्थिक नियोजन के प्रति
आकपेण निरन्तर चढता गया ।
(औ युद्ध मे विजपधी व पुर्नरनिमाणि का अनुभव--विश्व युद्ध में सलग्न इन
राष्ट्र ने युद्ध जीतने के लिये अपने सीमित साधनों के विवेकपूर्ण ढंग से सैनिक तथा
नागरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये आधिक आयोजन की अनिवार्यता महसूस
की | और ध्रभावी नियस्त्रण लागू किये जो युद्धी की समाप्ति के बाद भी किसी ने
किसी रूप में चालू रहे । तार युद्ध जज रित अ्य॑घ्यवस्याओ का पुनरनिर्माण विया जा
सके 1
द्वितीय विश्व युद्ध की विभीपिवा से जर्जरित यूरोपीय देशों वी. अथे-व्यव-
स्थाओ के पुनर्विर्साण व पुरनविकास के लिये साझंल योजना (फदिडपा एस लागू
की गई त्तथा उनकी सफलता के परिणामस्वरूप आधिक नियोजन सी लाकप्रियता
और बढ़ी 1
(वी व्यापार चक़ों से मुक्ति--1930 की विश्वव्यापी आधथिक मन्दी मे
सम्पूर्ण विश्व अ्थ-व्यवस्थाओ को सक्योर दिया और मन्दी से उत्पन्न वेवारी, भुख-
मरी व यातताओ से मुक्ति पाने के लिये राज्य हस्तक्षेप की दुद्ाई दी जाने लगी ।
अमेरिका मे न्यू डील (ऐस८७ 0८) व ब्रिटेन में आधिक स्थिरीकरण की नीतियां
इसकी परिचायक हैँ अत व्यापार चक्नो से मुक्ति थाने के लिये आधिक नियोजन थी
मावश्यक्ता व लोकप्रियता वढ़ी ।
(5) अर विकसित राष्ट्रो मे विकास के प्रति जागरूकता--दितीय महायदध
के उपरान्त जव अफ्रीका वे एदिया के बहुत से अद्ध-विक्सितत राप्त ओपनिवेशिक
दासता से मुक्त हुये तो उनकी स्वतन्त्र जनता में विकास की प्रवल भावना जागृत हुई
अड्धी विकसित देयो की जनता में तीन्र आधिक चिकास, सामाजिक न्याय व समानता,
आधिक छोपण से मुक्ति व समुद्ध आाथिक जीवन वे लिये आथिक नियोजन वा मार्ग
अपनाया । गत आर्थिक नियोजन की आवस्यक्ता अद्ध-विकसित व विकासझील
राष्ट्रो के तीव्र गति से आधिक विकास मास प्रदस्त वरने के लिये है और इसी वारण
इतकी लोकप्रियता वटना स्वाभाविव है ।
(6) आधिक नियोजन को िद्ारधारा (८०0४) का प्रसार--आधिया
नियोजन वी आवइयकता सहसुस कराने तथा उसे लोकप्रिय बनाने वा श्रेय उन
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