राजस्थान की अर्थव्यवस्था | Rajasthan Ki Arthavyavastha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
505
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)है राजस्थान की अर्थ ब्यवध्या
1991 के लिए 15 राज्यों में साक्षरता-अनुपातो की तुलना करने पर
राजस्थान की स्थिति काफी नीचे आती है। बिहार को स्थिति भी इस दृष्टि से
काफी पिंछडौ हुई है लेकिन महिला-साक्षरता का अनुपात राजस्थान में बिहार से
भी थोडा सीचा है। 1991 में बिहार में महिला-वर्ग में साक्षतता-अनुपात 22 9%
रहा, जन्नकि राजस्थान में यह केवल 20 4% ही रहा । अत राजस्थान व्यो महिला
वर्ग में साक्षरता बढ़ाने की दुष्टि से विशेष प्रयास करना होगा।
(2) शेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान की स्थिति -
श्षेदफल की दृष्टि से राजस्थान का भारत में द्वितीय स्थान आता है! 31
मार्च 1982 को भारतीय सर्वे विभाग से प्राप्त सूचना के आधार पर राजस्थान का
क्षेत्रफल 342 2 हजार वर्ग किलोमीटर था जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10 43%
था। क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का प्रथम स्थान आता है जो भारत के कुल
शषेत्रफल का लगभग 13 50% है।
राजस्थान के झन्य पडौसी राग्यों की स्थिति क्षेत्रफल की दृष्टि से इस
प्रकार है
भारत के क्षेत्रफल का अश
(%) भारत में स्थान
गुजशत्त 597 ह
हरियाणा | 35 16
उत्तरप्रदेश 897 4
इस प्रकार राजस्थान का क्षेत्रफल भारत के चुल क्षेत्रफल का 10 4%
(लगभग 1/10 है जबकि गुजरात का 6% तथा उत्तर प्रदेश का लगभग 9% है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से ऊँचा अनुपात होने के कारण ही राजस्थान राज्यों की ओर
किये जाने वाले केन्द्रीय वित्तीय हस्तातरणो में क्षेत्रफल को एक आधार के रूप
मैं शामिल किये जाने पर सदैव बल देता रहा हैं हालाँकि केन्द्र ने अभी तक इसे
स्वीकार नहीं किया है। राज्य के शेन्रफल को दूसरी विशेषठा यह है कि 11 मरु
जिली मे कुल क्षेत्रफल का 60 प्रतिशन से अधिक अश पाया जाता है जबकि इन
जिलों सें 40 प्रतिशत जनसख्या ही निवास करती है। ये जिले अशवली पर्वतमाला
के पश्चिम में थार मरुस्थल में पाये जाते हैं।
यही कारण है कि राज्य को अर्थव्यवस्था तथा इसके निवासियों को निरतर
सूखे च अभाव की विभीधिकाओ से जूझना पड़ता है।
| | ऊणाइट निवटड है फिठएर एज 05500 [997 (08४ फ़िण पथ७ 1993) 86
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