ईरान प्राचीन और नवीन | Iran Prachin Aur Navin

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अ्रीरान प्राचीन ्रारम्मिक कातत औरान देशके मुख्यतः तीन भाग हे । दक्षिणमें समुद्रके तटका भाग बहुत गर्म है। बीचमे अँचा औरानी मैदान है जो तीन हजारसे ५ हजार फीट तक अँचा है । जिस अँचाओऔके कारण यह प्रदेश अधिक ठण्डा है और चारों ओर अँचे पहाठोसे घिरा होनेसे यहाँ बादलोके आने-जानैका मार्ग अवरुद्ध है। जिसीलिअे यहॉपर वर्षाकी कमी है। यह मेदान तेहरानमें जहाँ समृद्रतलसे तीन हजार फीट अूँचा हें वहाँ दक्षिणके शीराज और उत्तर-पद्चिमके तब्रेज नगरमे चार हजार। जिसके दक्षिण-पुर्वका अिलाका केरमान ५ हजार फीट अँचा है। अत्तरी भागमे गीलान और माजेन्दरानके प्रान्त है जो कस्पियन समुद्रके तटपर होनेके कारण अधिक हरेभरे तथा ३३५९-३६ अक्षाशपर होनेसे सर्द भी हे । जिनके अतिरिक्त चौथा भाग आजुर्बाजिजानका प्रान्त भी कहा जा सकता है जो काकेशस्‌ कोहकाफ पवत-श्इंखलाका एक भाग है। जितिहासपर दृष्टि डालनेसे जान पठता हैं कि औरानमें सभ्यताका विकास सर्वे-प्रथम समुद्रतटके दक्षिणी भागमें हुआ था। यहाँके लोगोपर बाबुल और असुर सभ्यताका असर पहले पठा था । जिस वक्‍त मध्यका अँचा मेदान अधिकतर खानाबदोदशों और चरवाहोका चरागाह बना हुआ था अस समय भी यहाँके लोगोंने कृषि और नागरिक जीवन स्वीकार कर लिया था । लेकिन वह जाति जिसने जिस देदाको औरान नाम दिया और जिसका




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