जैन धर्म बिषयिक प्रश्नोत्तर | Jain Dharm Bishayak Prashnotar
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
266
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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आत्माका निर्वाण कब होतादे अरु पिछें
तिसकों कोन कहाँ छे जातृहै.. ९६-९७-९८-९९
अभव्य जीवका निर्वाण नहीं अर
मोपपार्ग वध नहीं १००० १-१०४
आत्पाका अमरप्णां अर तिमका
कर्ता ईश्वर नहीं, * १० ३-१०४-१०५-१७६
जीवकों पुनर्भन्म क्यों होताहै अर त्सके
बघ दोनेमें क्या इठाजई १०७-१०८
आरमाका कल्पाण तीर्यकर भगवान
होने 'विपयक ब्यान १०९-९१२०
जिन पूजाका फछ किस रीतिमें होताई
तिस विपयक समाधान ११३
पुण्य पापको फल देनिवाला ईश्वर नहीं किंतु
कम ११९-११३-११४-११५७-११६-११७-र१८
जगत अकृतिपटे ११९
जिन मतिमाकी पूजा विपयक
ब्यान, 9०-१३ र-१०२-१९६३
देव अरू देवोंका भेद सम्यकत्त्री देवताकी
साधु थावक भक्ति करे, छमाछम कर्मके
उद्यम देवता निमित्तहे.. १२४-१२५-१२६-१२७
संप्रतिराजा अरू तिसके कार्य श२८-१९९,
लब्थि अर बाकि श३०-१३१-१९३२-१३३-१३७
ईश्वर॒की मूत्ति दर १३९
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