चिड़ियाघर | Chidiyaghar
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
134
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आचार्यों की दृष्टि में
“चिड़ियाघर'
आचार्य श्री महावीरप्रसाद द्विवेदी
“चिडियाघर' के लेख पढ़े । बडा मनोरंजन हुमा । गज़ब का व्यंग्य
मिला । बडी गहरी चुटक्याँ ली गयी हैं। श्रतेक हृष्टियो से पुस्तक
अनमोल है ।
उपन्यास-सम्राटू श्री प्रेमचन्दजी
“चिडियाघर' की सैर करने में खूब हँसी आ्राई। कही-कही तो गिरते-
गिरते बचा । “लीडर-लीला' की तारीफ तो पहले भी कई दफा सुन चुका
था, पर यहाँ इसे आँखों देख लिया । श्रब इस जन्तु को ज़रा देखुं कि
पहचान सकता हूँ। “प्रकटीकल परमाथं निराली चीज़ है । सारा 'चिड्या-
'घर' ऐसी ही श्रावाज़ो से गूंज रहा है । देखिये श्रौर हंसिये । हरिशकरजी
व्यंग्य और हास्य के झाचाय्यं हैं, यह मानना पडता है । श्रगर दिन काटे
स कटता हो या कास करते-करते मन थक गया हो तो इस “चिडियाघर'
में चले श्राइए, दस-बीस कहकहे झ्ाएँगे और श्राप तरोताज़ा होकर फिर
अपने काम में मसरूफ हो जायेंगे ।
महामहोपाध्याय श्री प० गौरीशड्ुर हीराचन्द का
“चिडियाघर' पढ़कर बडा श्रानन्द श्राया । हरिशकरणजी के निवस्थ
मुझे बहुत पसन्द हैं । में तो उन्हे उत्कृष्ट श्राददां मानता हूँ ।
सम्पादकाचार्य्य श्री प० भ्रम्बिकाप्रसाद वाजपेयी
'चिडियाघर' श्रपने ढंग की निराली चीज है । इससे मनोरजन तो
होता ही है, पर कुवासना नहीं उत्पन्न होती । भाषा की दृष्टि से यह
“चिडियाघर' बडे महत्व का है। जिसे श्रच्छी भाषा सीखनी हो, वह
श्रव॒द्य इसे पढे । इससे भ्रावाल वृद्ध, वनिता सबका सनोर॑जन होता है ।
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