धर्म का आदि स्रोत | Dharm Ka Aadi Srot

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Dharm Ka Aadi Srot by गंगाप्रसाद - Gangaprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उपोद्घात छः मुख्य धर्मों का समय-निरूपण । मुसलमानी, इंसाई, बौद्ध, यहूदी, जरदुश्ती और पाठकों को यदद बताने की श्रावश्यकता नहीं कि उपर्युक्त घर्म समय क्रम से लिखे गये हैं । उदाहरगाथ चोद्धघर्म इसाईमत से 'ौर ईसाईमत मुसलयानी मत से पुराना है, इसे दर कोई जानता हैं । इसी श्रकार यद भी निश्चित है कि वैदिक, ज़रदुर्तीमत से पुराना हैं और सरदुश्वी- मत यहूदीमत से पूर्व का है । पर यह - वात उतनीं सुपरिचित हीं है, अतएव यहां इन तीनों घर्मो की पारस्परिक कालनिरूपणा मसीमांसा में दो 'एक शब्द कद्दना 'अनुचित न होगा । बाइविन् के छावुसार हज़रत मूसा का जन्म जो पंजनासे के के. र्वयित्ता बताये लाते हैं, सन्‌ ईसवी से ९४७१ वे पूवं हुआ था, और इंसा से १४६१ वे पूर्व उन्हें देंश्वरीय ज्ञान प्राप्त हुमा । इस प्रकार यहूदियों की प्राचीनतम पुस्तक सन्‌ ईसवी से १४६१ व पूर्व से 'झधिक पुरानी दोने का दावा नदीं कर सकती । शोर यदि दम पंजनासे का लेखक दज़रत मूसा को न मानें तो हमें यह वात स्वीकार करनी पढ़ेंगी कि: एज़रा ने उसका संकलन सन्‌ ईसवी से केवल ४५० वर्ष पूर्व किया ( देखो अध्याय ४ सेंश ने ) | * चाइचिल के सच से घाचीन शरीर प्रथम ४ अध्यायों का नाम पंजनासा है । यह यहूदी और इंसाई दोनों का धर्म पुस्तक दै ।




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