महर्षिचरितामृतम संस्कृत नाटक व हिन्दी अनुवाद | Maharshicharitamritam Sanskrit Natak V Hindi Anuvad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सहविचरितामुतमु ् सहयोग देकर इस नव युवक के प्रचार सन्रित्व पद को खूब सफल बनाया, यह महोत्सव अप्यन्त सफल रहा । इसी महोत्मत्र के अवसर पर जब ये टकारा मे रहे तो इन्होंने भी मोरवी राज्य एव राजकोट राज्य के प्राचीन ऐतिहासिक सामग्री के आधार पर महर्षि दयानर्द के जन्मस्थल के विपय में खोजपूर्ण काय करके गुजराती भाषा में अपने ढय की मौलिक रचना सप्रहीत की ; बाद मे तो यही सग्रहोत खोजपुण प्रकाश शित सामग्री के आघार पर ही हिंदी भाषा मे भी “महर्षि दयानन्द जन्म स्थानादि निर्णय” नाम से 1 एक पठणीय ग्रंथ टकारा शताब्दि समित्तिने प्रकाशित किया। इस _अवसर पर जो कार्यकुशलना इन्होंने दिखाई, इससे सभी छोटे बडे कार्य कर्ता इनसे बहुत बहुत प्रभावित हुए। इसी सम्मेलन की सफलता ने इनकी सर्वतोमुखीन प्रतिभा को आयजगतु में उजागर कर दिया । बम्बई के पूर्वी उपनगर *घाटकोपर' में, अवस्थित गुसकुछ हाईस्कूल' बहुत हा आाधिकेसकट मे था तो स्नातक महोदय ने अपना समस्त सहकार देकर सस्था को चार चाँद लगा दिये और आज तो यह सस्था आार्यसमाज ही बया-बन्य संगठनों की सस्थाओ में अग्रगण्य स्यान पर है । इस संस्था का अपना छात्रावास भी है, यहाँ पर छात्र गुरुकुलीय साश्विक वातावरण मे भग्निहोत्र एव सध्यादि शुभकम करने हुए विद्याध्ययन करते हैं । इसके भी स्नातक महोदय मुख्याधिप्ठाता रहे हैं, यह गुरुबुल आश्रम आज मी मली माँति भारत के भावी नागरिकों को वेंदिक विचारी से अवगत कराता हुआ चल रहा है। दर मादुगा बम्बई के गाय सपाज तथा बाय समाज संचालित




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