जैनदर्शन स्वरूप और विश्लेषण | Jaindarshan Svarup Aur Vishlishan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
762
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about देवेन्द्र मुनि शास्त्री - Devendra Muni Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पुण्य और पाप तत्त्व एक परिचय श६१-१६५
पुष्य और पाप तत्त्व- १६०, पुण्य और पाप तत्त्व में भेद- १६०, पुष्य के
दो घ्रकार- १ ६४, पाप के दो प्रकार- १९६४५ |
आस तत्व एक घविवेचन श६६-२०१
आश्चव के पाँच प्रकार- १९७, आधव के दो भेद- ०००, बट साहित्य में
आसख्रद- २०० 1
सवर एद निर्जेरातत्व एक मीमासा २००-२२०
सबर तत्त्व एक अनुहप्टि- २०३, सवर के प्रकार- २०८४, यौद्धदर्णन में
सचर- २०६, निजरा तत्व- २०६, निर्जरा तचव के भेद- ०१०, अनदान-
२११, ऊनोदरी- २१२, भिक्षाचरी- २१३, रस परित्याग- २१३, कायवलेश
२१४, प्रतिसलीनता- २१४, घ्रायष्चित- ०१४, विनय- ०२१६, चैयाधृत्य-
२१७, स्वाध्याय- २१७, घ्यान- ०१८, कायोत्सर्ग- २१६ । हे
चबन्ध और भोक्ष तत्व एक बिद्लेपण २९१-२२८
वन्ध तत्त्व- ०००, धन्ध के प्रकार- ०००, मोक्ष: २०४, चयौइ हप्टि मे-
२९२४, ज्ञानादि गुणों का सबथा उन्छेद नहीं- ०२६, निर्वाण- ००७,
मोक्ष का सुख- ००२८ ।
तृतीय खण्ड प्रमाण चर्चा २२६-४०६
जैनदवोन का आधार स्याद्वाद 9२६-९५०
स्पाद्वाद कया है * -२३१, समन्वय का श्रेप्ठ मार्ग -२३०, अन्य दशनों
पर अनेकान्त की छाप -२३३, नित्यामित्यता -२३७, आत्मा का शरीर से
भेदाभेद -र४०, सत्ता और असत्ता -२४१, सप्तमगी “२४३, भ्रम निवारण
“२४३, स्पाद्वाद सदययवाद नहीं -२४६, विरोध का निराकरण «२४७,
नयवाद- २४८ 1
सप्तभगी स्वरूप और ददन
'र४१-२७८
सप्तमगी -२५२, सप्तभगी और अनेकान्त -र४५४, स्यादवाद के मगो का
आगम कालीन रूप -र५४, भग कथन-पद्धति -२६२, प्रथम भंग -२६२,
द्वितीय मग -२६४, तुतीय भग -२६४, चतुर्थ भग -०६४, पाँचवाँ भग
-२६५, छूट्टा भंग -२६५, सातवाँ मग -२६५, चतुष्टय की परिभाषा -०६६,
स्यात् शब्द का प्रयोग -२६६, अन्य दशेनो मे -२६७, प्रमाण सप्तभभी
उर६८, नय सप्तभगी -२७०, काल आदि की हृष्टि से -२७१, व्याप्य-व्यापक
भाव -र७३, अनन्त मगी नहीं -२७३, सप्तमगी का इतिहास -२७४ ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...