सन्मति महावीर | Sanmati Mahavir
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
172
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दिग्दशेन
साहित्य का एक रूप जीवन-चरित भी है। उससे चरित-
लायक के व्यक्तित्व का परिचय मित्तता हैं। चरितनायक के
भावों और विचारों का विशददीकरण ही वस्तुतः उसके ध्यक्तित
का परिचय है। इसी इृष्टि से साहित्य से जीवन-चरित का एक
विशिष्ट स्थान भाना गया है। एक विचारक के मत में, मनुष्य
को पट्टिचानने के लिये साहित्य के ्न्य अंगों की झपेक्ता जीवत-
चरिठ ही अधिक स्पष्ट तथा महत्वपूर्ण सहायता दे सकता है ।
सनुष्य के गुण चथाथ॑ रूप मे जीवन-चरित से ही प्रकट होते हैं ।
ज्ञो घटनाएँ उस पर घटती हैं, तथा जो उपाय वह कास मे
लाता है-वे सब अनुभव हसे उसके जीवन-चरित मे सहज्ञ ही
सिल जाते हैं '्रौर हम उनसे बहुत-झुछ लाभ उठा पाते हैं ।
जीवन-चरितत क्या है? किसी भी महापुरुष के द्ीर्घकालिक
श्रुभवों की महानिधि । विकट संकट के 'वसर पर मतुष्य
को क्या करना चाहिए? किस मकार वह झ्पने जीवन की
उत्तभी समस्वाद्यो को खुलमाए ? किस समय कैसी वाणी वोले 1
किस पद्धति से वह अपने कतेव्य-कार्यो को करे ? ादि प्रश्तो
का समाधान किसी भी महापुरुष के जीवनवरित को पढ़ने
से सहज ही मिल जाता है।
प्रस्तुत पुस्तक 'सन्मठि महावीर” भी एक लघुकाय ज्ञीचन-
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