चोखे चोपदे | Chokhe Chopadey
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
274
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मासर में सागर
'हों कहाँ पर नहीं भलक जाते |
पर हमे ग्तो द्रख: छा सपना ॥
कब छुआ सामथा नही, श्र हम. ।
कर सकें स्पमनि सु अपना...
जा अंधेंस है बस जी में उसे ।
हम अंघेरे में कड़े खाते नही ॥
उस जगत की जात की भी जात के |
जातवाले नख' श्रगर होते नहीं ॥
लेक को निज नई कला दिखला ।
पा. निराली दमक दमकता है ॥
दूज_का चन्द्रमा, नहीं है. यह।
पद चमकदार लख चमकता है ॥
कर जब ' झासमान की रगत।
पए'खितारे न रंग लाते हैं॥
ब्रनगिनत हाथ-फॉँच शाले के ।
मख,. जगा. जात जममगाते हे ॥
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