आर्हत जीवन ज्योति | Arhat Jivan Jyoti

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Arhat Jivan Jyoti by हीरालाल रसिकदास कापड़िया - Heeralal Rasikadas Kapadiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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करण स्यारवा अशाक कान वड़ ६ यह अशोक का पेड़ है । हमारे झहर में ऐसे बहुत पेड़ है। इस पेड़ की छाया बहुत ठंढी है । इसकी छायामें बैठने से आनन्ट मिठता है। अगोक के पत्ते दूर से आमके पत्तों जैसे दीखते हैं। हम लोग दिवाली में इन पत्तोंका तोरण वांधते है । हम धार्मिक कार्मा में भी ऐसे तोरण काम मे छाते है। सन की पड प्‌ गाए | मा




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