अंड बंड भाग - 1 | And Band Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
119
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १८ )
की भी पूजा करते रहे होंगे । पर जब उनके सामने कई हिंदू देवता
श्रां गये तो उन्होंने उनमें से कुछ तो मान लिये पर वे डीह ब॒ उसके
साथ के दक दो दूसरे देवता. मानने तंयार नहीं हुये । यह बात नहीं
थी कि कोई भी झ्ाये इनको मानना नहीं चाहता था । कुछ लोग
चाहते थे परे अधिकांश ने नहीं माना और वे यहां तक डीह के
विरुद्ध हो गये कि देव शब्द का अर्थ राक्षस कर दिया व यह अर्थ
फारसी में श्राज तक है । इस श्रर्थ के होने का कारण यह नहीं है
कि आर्यों की दो शाखाओं में--एक जी हिंद में आई व एक जी...
इरान को गई-कोई कगड़ा इत्ा था । इसका कारण यह है कि
आर्य व अनारयों में झगड़ा होता रहा
इसी तरह यह कहना भी गलत है कि आ्रार्यों की वह शाखा जो.
. इंरान को गई घर बसाकर रहती थी व दूसरी शाखा जो हिंद को
आई घूमती फिरती थी व लूटमार करती थी । पारसी धर्म ग्रंथ में
जो लूटमार करने वालों का निद्श है वह आरयों की शाखा का नहीं
है । वह उन लोगों का है जिनका देश आर्यों ने जबरन छीन लिया
था | वे लूटमार न करते तो क्या करते ?
वेस्ता में एक शब्द वेंदीदाद श्राया है । वह बें-दी-दाद है। वें.
याने विरुद्ध दी याने देव दाद याने दिया हुआ । इस शब्द में जो
दी दे वह बुन्देलखंडी ड्ीट्ठ डी ही है। यहां पर डी का देव नहीं ..
हुआ | अवेस्ता भाषा में ड अक्षर न होने से दी हो गया है । उस
समय का इतिहास व भाषा विज्ञान समकने के लिये बेंदीदाद के .
दी शब्द का मूल्य अनकुनीय है |
देवासुर संग्राम का देवासुर शब्द कैसे बन गया ? शब्द सुरासुर
होना था । अगर अर शब्द का अर्थ रास था तो सुर शब्द इसके...
पहिले ही बना होना चाहिये । फिर सुरासुर शब्द के प्रयोग करने में
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