घंटा | Ghanta
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
135
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पाण्डेय बेचन शर्मा - Pandey Bechan Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कह घण्टा के
गयी--“केसी नीठी, चमकीठी, छबीली हरे *. देखो !
देखो ! कितनी बड़ी मछली--जअहा दा हा ”
मछली देखनेको सुन्दरी ज्यो ही कुकी, त्यो ही तूफानके
एक तेज भोके ने जद्दाज को ज़रा टेढ़ा कर दिया ।
और छो !. फ्रेच-सुन्दरी नशेसे डखड़ाकर जहाजके
नीचे कुक गयी ।
मद्दाराजने उसे सेंभालना चाहा--मगर थे बह नशेमें !
फलत सुन्दरी के हाथ राजाका दुपट्टा ऊगा । वह सिनेमाके
खतरनाक नज्जारेकी तरह मूलने ठगी ।
“ओह ! अहद ! उद्द '!” महाराजका गढा फेस
गया ! कह दुपट्टा ढीढा करने छगे ! मोपले और गवैया
घबरा कर मदंदको लपके !
“दुपट्टा न खोढो ! नहीं तो औरत दरिया में डूब
जायेगी । राजा '--महाराजा ”” फ्रेंच साहबने छछठकारा ।
मगर, छपनछप-छप 11
अपना गला छुडा, दुपट्रेके साथ, महाराजने सुन्दरी को
समुद्र में डाल दिया । देखने छायक था इस चक्त माशियर
मोपलेका रूप--छाठ, उद्देछित
राजाका गला दाब बह बिगड़े--“ नीच ' बुजदिछ !
तू दी आयंकुल मातण्ड मददामादेशर है ?”
९
User Reviews
No Reviews | Add Yours...