ईश्वरमीमांसा | Iswar Mimansha

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Iswar Mimansha  by तुल्लक निजानंद जी महाराज - Tullak Nijanand Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लिषय प्र ्ादित्योंकी गणना ८२ 43 देव टध प्रजापति यच्त ८3 यह वैदिक घर्म कबका है / सारांश न विशेष विचार ६ दिकपाल ८७ श्री काकिलश्वर मद्राचरय और बेदिक देवता ए श्री रासाबतार शर्माज। के विचार ( देवता प्रकरण ४५१ साघक भद से देवत भद ११६ देवताओं ओर मूलसत्तामें कोई भिन्नता नहीं १९८ देवताओं के समान कार्य १०० से 19० सभी देवता त्रिधातु हैं ३१ सभी देवता विश्वरूप हैं ६३२ साधक मेदसे देवता भेद का स्वरडन ४५ इश्वरकी शक्तियां श्र सबंव्यापी श्रद्दे त त्रह्म का ग्वण्डन ४3 त्रेह्मकी माया का खरडन ५्ट जीवोंमि न्रह्म चेतन्यांश का खण्डन 9८ शर्गरादिकों का मायिकत्व खण्डन ५५१ लाकप्रबृत्ति या प्राशियोंकि निम्रह्मानुमहाथ सूष्टि रचनाका खंडन १५ ३ भदत्ता दिखाने के लिये सूष्टि रचना का ख्रण्डन १५ त्रह्मा, विष्णु, महेश द्वारा सूष्टिके उत्पादन. रण, ध्वंसका खगण्ड़न शशु६८ मंसारकी अनादि निधनता ५६२




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