हमारे उस पार के पड़ोसी | Hamare Us Parake Padosi
श्रेणी : साहित्य / Literature
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
243
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अफ्रीकाका सहत्व
पृथ्वीकी भूमध्य रेखा. पर अधिकांश समुद्र ही समुद्र है। अशिया,
यूरोप और भुत्तर अमेरिकाके विशाल भूखंड अुत्तर गोलार्घमें फैले हुअ हैं।
आस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिकाका वड़ा हिस्सा दक्षिण गोलाधंमें है।
- जिनमें जेक अफ्रीका ही औैसा भूखंड है, जो पृथ्वीकी भूमध्य रेखाके दोनों
' तरफ समानान्तर फैला हुआ है । यह भूमध्य रेखा थोड़ी दक्षिण अमेरिकामें
और शुससे थोड़ी ज्यादा अफ्रीकामें आओ है। (सुमात्रा, वोरनियो,
वगैरा दीप भूमध्य रेखा पर हैं जरूर, लेकिन वे बिलकुल छोटे हैं।
भुनकी गिनती न करें, तो चल सकता है।) भूमध्य रेखाके आसपासकी
अफ्रीकाकी भूमिमें ब्रिटिश औीस्ट अफ्रीका और बेल्जियम कांगो नामक दो
प्रदेश पाये जाते हैं। जरवायुकी दृष्टिसि, मानव संस्कृतिके विकासकी
दृष्टिसि और भारतके प्राचीन, आधुनिक और भावी जितिहासकी दृष्टिसे
भी अफ्रीकाका यह प्रदेश वहुत बड़ा महत्त्व रखता है।
सारे ब्रिटिश औस्ट अफ्रीकामें अंक या दूसरे रूपमें अंग्रेजोंका ही
राज्य चलता है। .भारत परका अपना अधिकार छोड़ देनेके कारण ही
अंग्रेज अव औस्ट अफ्रीकामें अपने राज्यको ज्यादा मजबूत बनाना चाहते
हैं। जिसलिजे वे अफ्रीकी प्रजा और वहां वसनेवाली हिन्दुस्तानी प्रजाके
भरन पर ज्यादा ध्यान देने छगे हैं । हमारे लोगोंने, पुर्वें अफ्रीकामें काफी
अच्छा स्थान प्राप्त कर लिया है। और अफ्रीकी प्रजा तो अब जाग्रत
होकर अधिक शिक्षण और अधिक अधिकारोंकी मांग करने लगी है। :
जिस 'प्रदेशके दक्षिणमें सुदूर दक्षिण अफ्रीकामें गोरी और रंगीन
मजाका प्रदन ज्यों-ज्यों कठिन और .'पेचीदा होता जाता है, त्यों-त्यों
गुसका असर पूर्वे अफ्रीका पर भी पड़ने लगा है।
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