शान्तिदूत अमर बापू | Shantidoot Amar Bapu

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Shantidoot Amar Bapu by सैयद कासिम अली - Saiyad Kasim Ali

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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्रनर बाप | ् का ठोस नियमत प्रचार हो गया । हर एक के हृदय में गुलामी का कर्लक खटकने लगा ] जनवरी १९२४ ई० में झाप को जेल से छोड दिया गया, क्योंफि श्रापकी श्रात्त का आपरेगन हुझा था । ग्राप बेकोम, वावनकोर गये जहा हरिजन कार्य सम्पन्न किया । वेलगाव कॉग्रेस के भ्रथ्यल् होकर कौंसिल प्रस्ताव पास हुम्ना । हिन्दू- मुस्निम एकता के लिए दिल्‍ली में २१ दिन का उपवास किया । ०४ नवम्बर को सावरवती झाधम में श्रात्रमवासियों की करतूत पर ७ दिन का फिर उपवास किया हे सन्‌ १९२४ में श्रखिल भारतीय चर्खा सघ की स्थापना की, सनू १६०७-१९२८ ई०से सायमन कमिशन का भारत भरने वहिप्कार किया । मद्रास में नीला की मूर्ति हुठाने केलिए श्रौर १२-२-२५ ई० को वारडोली गुजरात में सत्याग्रह श्नात्दोलन छेटा गया । सनू २९ ई० में लाई इविननें गोलमेज कान्फ्रेन्सकी घोषणा की, ब्रापन विरोध किया । श्रापकों विठेशी वस्त्र की होली जलवाने पर जुर्माना भी हुभ्रा । सतू १६३० ई० में सत्याग्रह सचालन के लिये काग्रेस के श्रविनायक नियुक्त होकर १२ माचें को दडी यात्रा पैदल चल करके एक जोन भर दिया । २०० मील की याना ७६ स्वयसेचको के साथ समूद्र के फिनारे की । झ्नेक स्थानों पर गोलिया चली 1 वंगाल फरमान फिर जारी हम्ना । सहयोग श्रान्दोलन प्रौर विदेशी वहिप्कार का नांवोंमें घर-घर प्रचार हुझा । श सई २० को दडी नसक सानून तोड़ने के ्पराधमें आ्राप गिरफ्तार कर लिये गये श्र यरवदा जेल भेज दिय गये । मार्च २१ ई० में सिंरसी कर्नाटक में लगानमें छंटकों लिये सत्याग्रह किया । ४ जनवरी 3? को वम्वई में गिरफ्तार हो फिर यरवदा जेल भेज दिये गये । वहाँ से ८ मई १९३३ को छोड़े गये। ३१ दिसम्बर २१६० को देडव्यापी श्रान्दोलन हुआ, एक लाख व्यक्तियों मैं एक साल तक जेलो को भर दिया, जगह-जगह हठतालें, खूनसच्चर हग । भ्रम्रल में चटरगाँव के सरकारी घस्वालयपर हमला किया गया, मर्ड में विद्रोह बढ यये ! सबसे भयानक हत्याकाण्ट योलापुरका था । लार्ट इरचिन से समझौता हो गया । २१ माचे को कराची में काग्रेस सधिवेगन हुझ्मा जिसमें महात्माजी दूसरी गोलमेंज कान्फ्रेस के भारत भरमें प्रमुख प्रतिनिधि चुने गये । जनवरी में सभी राजनैतिक कंदी मुक्त हो चुके थे । इसी वर्ष भतगर्सिह को फासी दी गई जिससे देगमे श्रयान्ति फल गई । ग्रापनें हिन्दू मुस्लिम एकता का नारा लगाया,किन्तु कानपुरमें साम्प्रदायिक




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