माराडूक्योपनिषद | Maradukyopanishad
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
32
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प् मारड्क्योपनिषद् ।
श्रानन्द्- | आनन्द का. तत् सा
भुक् ˆ भोक्ता है जो ठतीयः = तीसरा
चेतो- _ (बोधस्वरूपहे| पादः = पाद
मुखः ` }जो प्राज्ञः = प्राज्ञनाम वालि
मूलम् ।
एष सर्व्वर एष सर्वज्ञ एषोऽन्तयांम्येष योनिः
सर्व॑स्य प्रमवाप्ययो हि भूतानाम् ॥ ६॥
पदच्छेदः ।
` एषः सर्वेश्वरः एषः सवेज्ञः पषः अन्तयोमी एषः
योनिः सर्वैस्य प्रभवाप्ययो हि भूतानाम् ॥
द्मन्वयः पदाथेसहित | अन्वयः पदाथेसहित
सृक्षम भावायं सक्षम भावाथ
(यही प्राज्ञ जब एषः = यही
उपाधि माया सवज्ञः = सवेज्ञ हे
| को त्यागकेञ्म-। एषः = यही
पने चैतन्य अन्त- (शनम
स्वरूप विषे| यामी रहै
(स्थित होता हे एषः = यही
एषः हनन
सवस्य = सब का
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+ तदा =
सर्वैः ` (सब का ईश्वर
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