प्राथमिक सहायता | Prathamik Sahayata

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Prathamik  Sahayata by रामदत्त - Ramdatt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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के स्य में बाहर भाति हैं । इनमें गुर्दे, चमें, मूझाशय प्रीर मलाणप ध्रादि घामित हैं 1 ह न इन घ्रगों दा स्पान जानने के लिए चित्र सं० 1 देखिये 1 (प) मुस्य घमनियां एवं दवाव-बिस्दु या स्यान 'दवाव स्पान'--वहद है जह्दी एक धमनी को उसके हचे पड़ो हुदूडो के ऊपर दबाया जा सकता है, ताकि उसे पान से रवत धागे न जा सके । धघमनियां--मुख्य रक्त से जाने वाली नसें हैं। चित्र व. (2) में धमनियों का जाल दिघाया गया है भौर पलाकार में दवाव स्थान दिसाये गये है । रवतस्राद या बहते यून को यन्द करना रक्तस्राव दो प्रकार का होता है :-- (प्र) भीतरी रक्‍्तस्राव होने पर नाक, मुह या कान से रवत भ्राता दै । ऐसे समय तुरन्त डाशटरी सहायता प्राप्त कीजिये प्रौर रक्तस्राव के स्थान पर ठण्डे पानी को गद्दी या बर्फ रखिये | (व) बाहरी रक्तस्राव तीन तरह का होता है-- () घमनी से--जब तेज लाल रंग का रक्त हृदय की ध्रोर से तेजो के साथ फब्दाये की तरह निकलता है 1 (7) शिरा से--जब गहरे लाल (नीलापन या बेंगनी ) रंग का रश्त हृदय की विपरीत दिशा से धार के रूप में निकलता है । इसमें घमनों के रवत की तरह तेजी नहीं होती । “की, (सा) केशिकानों से--जव साधारण लाल रंग का- रक्त चारों भोर से रिस-रिस कर बहता है। +. .. > 11




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