पुराणों की अमर कहानियाँ भाग - 3 | Puranon Ki Amar Kahaniyan Bhag - 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
187
श्रेणी :
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No Information available about श्री. रामप्रताप त्रिपाठी शास्त्री - Shree Rampratap Tripati Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(वि
प्रकाशित हुई हैं श्रोर पाठकों कीश्रोरसे लेखक को पर्याप्त उत्साह भी
मिला है । इनके ग्रन्थन की प्रेरणा का यही संबल रहा है।
इन कहानियो की भाषा यत्र-तत्र पौराणिक कथावस्तु के चित्रण एवं
पुराण-प्रख्यात पात्रों की उपस्थिति के कारण कु श्रलंकून श्रथवा भारी
है । चैलीगत वैयक्तिक विशेषता भी इसका एक कारण है, जो किं श्रनि-
वायं थी । हमें विद्वास है, हमारे पाठकों को इससे कोई बाधा नहीं
पड़गी । दववाणी के बंद मन्दिरों में प्रवेश करने की भ्रपेक्षा तो इसके
भ्रवगाहन में उन्हं तनिक भी कठिनाई न प्रतीत होगी ।
इस ्रन्थमाला के तीसरे भाग मे ग्रथितं इन कहानियों का यह्
क्रम हिन्दी पाठकों को यदि तनिक भी रुचिकर श्रौर उपादेय प्रतीत हुभ्रा
तो हम श्रपने परिश्रम को सफल मानेंगे श्रौर उत्साहपूर्वक श्रगले भागो को
भी यथाशीघ्र उनके हाथों में दे सकेंगे ।
भरन्त में हम साहित्य भवन लिमिटेड के प्रधानमंत्री सुहूद्वर
श्री पुरुषोत्तमदास जी टण्डन (राजा मुनुवा जी) तथा उसके संचालक मित्र-
वर श्री नमंदेदवर चतुर्वेदी जी को हादिक धन्यवाद देते हैं, जिनके
प्रोत्साहन, प्रेरणा, एवं सत्सहयोग से इस ग्रन्थमाला की यह तीसरी पुस्तक
इस रूप में प्रकाशित हो रही है । उनके ऐसे ही सहयोग श्रौर प्रेरणा से:
इसके श्रगले भाग शीघ्र ही प्रकाशित हो सर्कंगे |
प्रकाशा निकेतन
कृष्णानगर, इलाहाबाद--३ रामप्रताप त्रिपाठी
मकर संक्रान्ति, २०१७
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