भारत में स्थानीय प्रशासन | Bharat Me Sthaniya Prashasan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्थानीय स्वशासन का मय, स्वरूप घोर आाघुनिक राज्य मे महत्व 5 एल. गोस्डिपके प्रनसार स्थानीय स्वशात्तन कौ स्ररततम परिमापा यहद कि, वहु एक वस्ती के लोगो द्वारा पपने यामलो का स्वयही प्रबन्ध है।'' ए. डी. ग्राशीवोदम ने स्थानीय स्वशामन को परिमापित करतें हुए कहा है कि, “स्थानीय स्वशामन केन्द्र सरकार या राज्य-सरकार के अधिनियम द्वारा निर्मित एक ऐसी प्रयांसकीप इकाई है जिसमे नगर या ग्राम, जहाँ एक दोत्र की जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं प्रौर जो अपने दायित्व क्षेत्र की परिसीमा में प्रदत्त प्रघिकारो का उपयोग लोक-लोक्ल्याण के लिए करते हैं । बी. वेंकटराव के भ्रनुसार, स्थानीय सरकार, राज्य+मरवार का वह माग हणो मुख्यत स्थानीय विषयो से सम्व्र्व रव्वती है तथा उनकी भासन करने बाली सत्ता राञ्यके धवीन रहती है लेकिन उमकते चुनाव, राज्य की सत्ताके नियन्नण की भ्रपेक्षा स्वतस्त्र रूप से योग्य निवात्तियों द्वारा किये जाते हूँ ।£ एक अन्य परिमापा मे कहा गया है कि स्थानीय सरकार शब्द से सामान्यत ब्र एकोत का प्रगासन एकु गव, एक वस्वा, एक णहरया दग प्रकार का क्षेत्र जो राज्य से छोटा हो जो स्थानीय निवासियों का प्रतिनिधित्व करता है तथा पर्याप्त सीमा तक स्वायत्तता रखता है, अपने राजस्व का एक बड़ा माग स्वय स्थानीय फरो के रूप मे इकट्ठा करता है श्रौर श्रपनी झाय को स्थानीय कार्यों मे खर्च करना है तथा जो राज्य-सरकार पौर केस्द्र सरकार के कार्यों से मिन्न है । इसप्रकार इस परिभाषा मे पाद विशेषताएं सम्मिलित की गयी हैं जिनमे एक स्थानीपर इकाई, वहा के निवासियों द्वारा उस इकाई का चुनाव तथा नियनण उच्च सत्ता पे उस इकाई की एक सीमित क्षेत्र में स्वायत्तता, स्थानीय तथा गैर- स्थानीय कार्यों मे भेद ब स्थानीय कर लगाना । स्थानीय स्वगासनके विषयमे भव्ति यरे रष्टिकोण स्थानीय सरकार की इकाइयो के लिए मी शाश्वत रूप से ज्ागू माता जा संबता है । इस प्रकार स्थानीय स्वशासन से हमारा अभिप्राय पह है कि. प्रानीय क्षेत्रों का प्रशासन बहा के निर्वाचित श्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाये । यदि स्घानीय क्षेत्र का प्रधासन केस्द्र या. राज्य सरझारो के म्रचिकारियों के दारा चलाया जाप तो बह स्थानीय प्रशातन तो होगा किन्तु स्थानीय स्वशासन नदी होगा । स्थानीय स्तर की समस्यानो का स्थानीय स्तर पर समाघान करने के लिए प्राय सभी देशों में स्थानीय स्वशासन की सस्थाए स्यापित की जाती हैं । ये सस्थाए ग्रामीण और शहरी क्षेत्री के लिए अलग अलग होती हैं । इन्हे व्यवस्थापिका द्वारा पारित अधिनियमों के आधार पर निभित क्या जाता है । ये सस्याए सेवल उन्हीं




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