स्वामी केशवानन्द | Swami Keshvaanand
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
174
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्वामी केंशवानन्द का संक्षिप्त परिचय ~ [1
1951 छात्रावास भवन सरस्वती भर नव जीवन भवन का निर्माण
~ महाजन मे 500 बोधा भूमि दान में प्राप्त कर दो माह का प्रोढ़ शिक्षण
शिविर आयोजन किया ।
1952 राष्ट्रीय ससद के सदस्य बने । (1952 से 1964 तक)
“जीवन मे पढली बार उपचार हेतु बलोरोमाइस्टीन का प्रयोग विया ।
1953 1905 से चले आ रहे चोटाला रोड (रगरिया का पूर्व नाम)
ननका नाम करण सगरियाँ करवाया ।
माऽ जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री पघारे ।
“गाँधी विद्या मदिर सरदार शहर सो प्रबन्ध कारिणी के सदस्य बनाये
गय 1
“13 सितम्बर वो सासदों का दल स्वामी जी के कार्यों को देखते मापा ।
1954 मदस्थल में बेसिक शिक्षा स्यूत, समाज शिक्षा केन्द्रो की स्थापना ।
स्वामो जी द्वारा स्थापित स्कूलो की कुल सख्या 287 हई ।
1 1वपोौ > अथक प्रयासों से सिख इतिहास का प्रकाशन ।
छानी नदो (भादरा) में स्कूल को स्थापना थे सहयोग
महिता आशम पराक्मसी स्वरसे मिदि स्कल मे क्रमोश्नन।
“समाज शिक्षा सचालकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया ।
1955 हाईस्पूल बहुददश्यीय उच्चत्तर माध्यमिक स्कूल के रूर मे परिवतित
करवाया । इसी वप स्कूल में कृषि सकाय भी प्रारम्भ हुआ 1
महाजन में कस्तूरवा महिला प्रामोत्यान विद्या पीठ का पुभारम्भ किया ।
उद्घाटन में डॉ० सुशीला नंय्यर पश्चारी ।
1210 1955 में सूरतगढ में ग्राम छात्रावास का शिनायाय राजस्थात
के मु्यमंत्री मोहनला + शस। नपर द्वारा ।
1956 शिलक प्रशिक्षण प मी
स्वर्ण मन्दिर (अमृतसर) ऊ स्वणं पथो मे जीरगोट्रार समारोह के मुद्ष
शिपि मोर उद्पाटन भाण !
सोवियत मास्कृतिक त वारान्निकोव पारे ।
महिला भाधम् मिडिल स्कून हाई स्वून बना ।
“पीटर, पीर, प्रताप (राजा महेन्द्र प्रताप) संगरिया पधारे ।
रॉजिस्थान के मुस्यमत्री श्री. मोहनलान सुवाडिया ट्वारा बनारसो दास
चतुवदी और ठाकुर देश राज द्वारा सम्पादिन स्वामी गेशवानत्द मप्िनर्दन
प्रय उनकी 75 दो वर्ष बाठ पर भेंट किपा गया ।
“स्वामी जी को प्रेरणा से बोधरी शिव रणसिह जी सौदारा ने अपने
पिता थी स्मृति कर में एक लाख शपया धीगगानगर मं कया महाविदालय
की स्थापना के लिए दिये ।
1957
1958
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