अमरप्रकाश | Amarprakash

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ष काः भ्रनुत्तम (०) (मः मा । मम्‌) | भ्रनुभावः (प°) भावकाः स्चक प्रधान वासुख्वः। ` गुण किया इत्यादि, प्रभाव, स- अनुत्तर (चरि ).( रं । रा । रम्‌ ) ।.. क्लन के ज्ञान का निसय । अष, अश ह.। « ..... .... | अनुमति: (स्त्री ) सम्मति, वच/् प- अनुदात्त. ( चि० ) शणिमा जिसमें चन्द्र कला छी नच्हे । (प०) एक प्रकार अनुयोगः (पुण) प्रश्न । ... (चि°) प्रधानवा मुख्य । | अनुरोधः. (पण) अ अतुपदम्‌ (नपु° । श्रव्यय ) पीक्े। | अनुसरण । ˆ ` ^ ` अनुपदीना ( स्त्रो ).एक प्रकारका | भतुनापः (०) बारबार बोलनां जूता नो परभरकेड्ै। . | भ्रतुलेपनम्‌ (नपु° ) केसर । ं अनुपम (चि०) (मः ।.सा। मम) |. . दि सुगन्व द्रवय जो शरीर में | जिस वस्तु की उपमा लगावाजाताद्ै। | : स्त्री ) उपमाः का न्‌ | अतुवतंनम्‌ ( नप॑० ) अनुकूलता वा होना, कमुददिग्गज की स्त्री |. भतुखरश.। . : `. अनुञ्जवः ( प° ) सहाव । प°) वे |




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