महादेवी विचार और व्यक्तित्व | Mahadevi Vichar And Vyaktitva
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.94 MB
कुल पष्ठ :
377
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about शिवचंद्र नागर - Shivchandra Nagar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उस पर बोली, “भाई, मे कया बदलती । सुक से कोई थीज बाहर की
नहीं श्रायी थी | मैने तो बाज से १० साल पहले जो लिखा था वह
श्राज नी सच है । पंत्त ने कामनामय सौंदिय पर लिखा. पर जब उन्हे
जीवन की विषमता का पता लगा, तो वे बदल यये । मेरें जीवन से तों
कोई ऐसी बाहर की वस्तु थो नहीं । मेरा हो जो कुछ भी था, उन्तमख!
था। मैंने तो करुणा श्र स्नेह का श्नुसव किया हैं। यदि मनुष्य
करुणा को दपना धर्म बना से अर अपने स्नेह की परिधि में विश्व
को समेटे का प्रयास करें, तो वह जीवन मे सुखी रह सकता दै !”
मैंने पूछा, “मानव जी ने रहस्य साधना मे आपके सम्बन्ध में
लिखा हैं, वैदिक-काल से लेकर श्राज तक महादेवी जैसे असाधारण
न्यक्तित्व की स्त्री लेखिका ने--ऐसी द्तुल मेघाबिनी दार्शनिक कवयिन्री
नेनइस भारत-भूमि में जन्म नहीं लिया (” इस कथन को यदि श्राप
सच सहीं मानती सो. कन्ट पंडकट (2०णाब00एऐे कीजिये |?”
चोली; “मैं अपने विपय मे कुछ मददी कह सकती; पर मीरा ने जो जैसा
लिखा है, कभी भी नहीं पा सकती !”*
दनां प्रकार डटू घड़े बातचीत हुई । महादेवी जी का “कमल” कुत्ता
शार गाघूला' 'बिललों दानों मर गये । एक दूसरी बिल्ली 'सुनयना' है ।
वह हम लोगों के वीच से श्रा गई थी । पहले मेरी गोदी में था बैठी,
फिर महादवी ला के पास जा बैठी । मददादेवी जी ने बड़े ही भावुक ठग
ने थिलली से बातचीत की 1 बोलीं, “तू. नदी जानवीं सुनयना,; मेरे हाथ
मदद हूं, इन्जेक्शन लगा है, पर नू क्या जानें 1”? डे
श्रेत्र में उनसे ६ नवम्बर को मिलेगा | हर
मुरादाबाद के नवीन ससाववार लिखियेगा । श्ाजकल झापकी
'ेनचया कया है ? घर पर सब. कुशल-पूर्वक दोगे। सकान का
मगड़ा दागी चल ही रहा है क्या ?
स्नेहाकासी
नागर
User Reviews
No Reviews | Add Yours...