भारत के अमर सेनानी महाराणा प्रताप | Bharat Ke Amar Senani Maharana Pratap

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Book Image : भारत के अमर सेनानी महाराणा प्रताप  - Bharat Ke Amar Senani Maharana Pratap

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उसका शासनवाल 1326 इं० से 134 रहा 4 सके दूपू 1303 में अलाउद्दीन दिलजी मे पर हमसा फरके राल घानी पर अपना अधिकार कर लिया था तथा आपने पु को यय्ा कया सूबे दिया था । महाराज हमीर बप्पा रावल के ही समात यीर शासक था # विदेशी शासवों के चित्तौह पर अधियार थो व सा अपने पूर्व शासरो बष्या रावत और द्ितीय ही सोरबधाती परम्परायों दे प्रतिसूल समझता था । यह दस दिदेशी शाम रह थों उपाड़ फीदने वे सपने देख रहा था , मिहासन पर बंठते हो हमीर ने सर्वप्रथम अपनी मैन्य पकित को बढ़ाता मगर दिया झौर अप ही रासप छ उसने अपनी शकित अदा सो । जब उसे विश्दास हो गया कि वह थलाउद्रीग से सामना बरतने हे समएं है सो उसने पर काइमण धर दिया । दोनों थे युद्ध हुआ थीर पर हमीर था अधिगार हो गया । निश्यय ही उसवा यह बाएं प्रशसनीय एज शीरोखित था गो (हमीर) हि शदंद्रदस व एडयी एरएए बी डॉ बालान्तर थे उसमें बशओी थी पददी इनी । इसी बे अर पे बा होदा प्रारम्भ हुआ । दशा वे ब पराडिन बरने बे बाद कपीर से तुगलब शारर रा युद्ध वि । इस मुडी में उसे दर देधी प्रात हुई । इन विज में परिशासरदरुप फीलदाहा चदारददुर सपा ईटदर भी मेंगाइ मे हो ग८ | हगीर ने आदत मे भी राज्य भार अपने उ्देप्ठ पुष सेभ्रमिह वो रौप दिया थी दो बिहा था पोग्य पुत्र पा । उठते अपने फिशा बे काय बेर डर अुए' और अजमेर, जहाजपूर, तदा एप पर विकार बर रए बए विदा । उसने अपने परकण हे गसिद पं सुलन अपएएएं था मे एम से पराशिंग विद । बाइ उसररा पुर संग हर न मद कर शरद दंगा, शिते श्र एगलमानो वे धबमहो का समा कर 1 दाए | अरर ह, हरिए मै सोकिए के कवि बाई फिए दम डिक खितो हे होगी है । उमदे हाट पका एक सफल गए के के फिनि्टक उक्त डेट




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