नागरिक शास्त्र प्रवेशिका | Naagarik Shaastr Praveshikaa

Naagarik Shaastr Praveshikaa by गोरखनाथ चोबे - Gorakhnath Chobey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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& नागरिक शाल प्रवेशिका है । समाज मे अच्छी से श्रच्छी बात हमें सीखने को मिलतीरहै। कैवल एक ही रुण को पाकर कोई व्यक्ति उन्नति नहीं कर घकता। मान लीजिये कोई श्रादमी बहुत दो दयालु है । दुसरों की सहायता करने के लिये वह सदैव तैयार रहता दे । जब कोई दुखी मनुष्य उसके पास झ्ाता दे तो वह यथाशक्ति उसकी मदद करता है । दम ऐसे मनुष्य को बहुत हो ऊंची दृष्टि से देखते हें । लेकिन उसे यह भी ध्यान रखना चाहिये कि भढ शरोर बनावट से को$ उसे ठग न सके । यदि उसमें यद्द गुण नहीं हे तो वह अधिक समय तक समाज को सेवा नद्दीं कर सकता । संलार में मनुष्य को मनुष्य की तरह जीवन व्यतीत करने के लिये कई गुणों की आवश्यकता पढ़ती है। दया, सद्धाव, सदहानुभूति, नियम पालन, शाचार-विचार, शिक्षा आदि सम्पूणं गुण जव तक मनुष्ये न ददोगे तब तक वह भपने उदेश्य में सफल न द्ोगा । ये विभिन्न गुण विभिन्न शास्त्रों द्वारा प्राप्त दोते हैं । एक सुयोग्य नागरिक बनने के लिये केवल नागरिक शास्त्र का व्ध्ययन काफ़ी नहीं है । अपने देश की राजनैतिक दशा को जानने के लिये उसे राजनीति शास्त्र का पूण शाता होना चादिये १ बिना भौगोलिक परिस्थिति के ज्ञान के हम यदह नहीं समभ सकते कि किस प्रकार की रहन-सहन हमारे लिये उपयोगी हो सकती है । जब दम श्रमे देश कौ जलवायु, उपज, प्राकृतिक दशा तथा जनसंख्या की जानकारी रक्खगे तभी एक ढोव समाज बना सकेगे। इसलिये नागरिक शाख के साय भूगोल का अध्ययन शावश्यक हे । जो नागरिक अपने देश का इतिदास नदीं जानता वह श्षपने देशवासियों को उन्नति का पाठ नदीं षढा




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