छहढाला | Chhahadhala

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Chhahadhala by पं. दौलतराम जी - Pt. Daulatram Ji

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

Pt. Ji was born in the Pallival caste in the Sasni village of Hathras near Aligarh in the year between 1855-56 Vikram samvat. His father’s name was Todarmal (he is different from the author of mokshmargprakashak, Shri Todarmal Ji)
Read More --> https://forum.jinswara.com/t/biography-of-pt-shri-daulat-ram-ji/799

Source

Read More About Pt. Daulat Ram Ji

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मय: १७ मद नायक आठ दोष . ७७ छह अनायतन ओर तीन मूढता दोष ७९ अव्रती सम्यण्टष्टिकी इन्द्रादि द्वारा पूजा ओर गृहस्थपनेम अप्रीति ५७९ सम्यक्त्वकी महिमा, उनके अनुत्पत्तिस्थान तथा सर्वोत्तमसुख ओर सथ ध्म का मूर ८१ सम्यग्दर्शन के विना ज्ञान और चारित्रका मिथ्यापना ८ दे तीसरी ढालका साराश ८४ » . :. मेदसग्रह-लक्षण सग्रदद ८६-८७ + अन्तर प्रदशेन-ग्रश्नावढी ९०-९१ चौथी ढाल ९३-१२७ सम्यग्ज्ञानका लक्षण और उसका समय ९द सम्यग्दरन ओर सम्यन्ञान भ अन्तर ' ९४ सम्यग्ञान के भेद, परोक्ष ओर देश प्रयक्षके खक्षण ९६ सकल प्र्यक्षज्ञानका लक्षण ओर ज्ञानकी महिमा ९८ ज्ञानी ओर अज्ञानी के कर्मनारामे अन्तर ९९. ज्ञान को दोष ओर्‌ मलुष्यपर्याय आदिकी दुकमता १०० सम्यग्ज्ञानकी महिमा और कारण १०३ ‰ ‰ ओर विषयेच्छा रोकनेका उपाय १०४ पुण्य-पापमे हष-विषाद का निषेध-तात्पर्य की बात १०५, सम्यक्‌ चासत्रिका समय जर भेद, अहिंसा तथा सद्याणुत्रत॒ १०८ अचौध-त्रह्चर्य-पस्परह परिमाण अणुत्रत तथा दिग्रत ११० देरात्रत ( देशावगाहिक ) नामक गुणत्रत ११२.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now