अनुत्त्रोपपातिक दसासुत्रम | Anuttaroppatik Dashsutram
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(६)
श्रीमान् नारा तजेगाह जा
इसी धर्मकार्य म ही अपने हदय फी
परि्नारता का परिचय नी दिया
भपितु आपके यशसी हाथो से अनेफ
धर्मकार्यं मम्पन् दहो चुके हे ।
सात सहायको का परिचय मउपर
दे चुका हूं । आठनें स्थान पर जय
भेरी सपनी ही वारी जाती ह । अपने
मम्बन्धमे प्न क्या रियंन मर्र
जन ममान रा एक तुच्छ दाम ओर
हम पिते कार्यं म माहाग्य देने
चाले उपरोक्त महापुस्पो गा ऋणी
हैं, जिन्होंने मेरे इस उद्देश्य में मेरी
हर प्रकार से सद्दायता थी है । मेरे
मन मे ऐसी घास्माठा के उद्घाटन -
तेजेशाह जी हैं। जापको रागलपिण्डी
जैन जाति मे पिप सम्मान श्राप
है। आप वहा के प्रसिद्ध येसंग है ।
इसके अतिरिक्त आपकी सराफी और
यजाजी की दुकान भी चरती ई ।
जप मुरय व्यापारी ह । आपि बडे
ही सुशील ओर कोमल प्रकृति है ।
गम्भीर आर परिचारी ह । परम
उत्माही और शाखप्रेमी द । दान
मे उडी रुचि है । आपका पुण्योदय
देखिए, मन्तान भी उदी योग्य सौर
=
पितृभक्त ६ । ऽपरिरिखित रायल
,.. पिएडी-नियासी ढोनो मजने ने केयर
श्य शाखमाला वा सगी नर और परब
खज़ानचीराम जैन मनशिद् प्रापाइटर
पश्न्न्याट्रारार सइमणराम जैन पम्तक जिसता सास
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