ट्रेक्टर और खेती | Tractor Aur Kheti

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Tractor Aur Kheti by जे. सी. स्मिथ - J. C. Smithदेवकी - Devki

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जे. सी. स्मिथ - J. C. Smith

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यह सम्मिश्रित पावरीन की भाप और हवा एक प्रकार की रेस होती है और यह गैस जव सिलंडर मेँ पहुंचेगी और स्पाक प्लग की एक चिनगारी से गर्मा दी जायेगी तो बड़ी आसानी से जलने लगेगी । यह गैंस फिर अन्दर सिलेंडर में खेंची जाती हैं और जब सिलेंडर भर जाता है और इनलेट वाल्व; जिससे कि यह गस आती है; बन्द हो जाता हैं और पिस्टन फिर ऊपर आने लगता है, चूंकि गेंस के लिये कोई निकास नहीं हैः तो यह एक अधिक छोटे आयत में उठते हुए पिस्टन द्वारा दबा दी जातीः द| जव पिस्टन उपर पहुँचता हे तो स्पाक प्लग से एक चिनगारी निकलती है और गस आग पकड़ कर फूट जाती है । इस गैस के फूटने में जो शक्ति होती है वह पिस्टन को फिर नीचे ढकेल देती है और पिस्टन क्रेंक शाफ्ट को घुमा देता है और यह क्रेंक शाफ्ट पीछे एक्सल को घुमाता है और ट्क्‍्टर के पहिये घूमने लगते हैं । यही क्रम एक के बाद एक ट्क्टर के चारों सिलेंडरों में बराबर चलता है । इससे यह जाहिर होता है कि वायु और पावरीन की सम्मिश्रित गेंस जो सिलेंडर में पहुँचती है बद ठीक अनुपात में मिश्रित हो | यदि पावरीन आर वायुम से एक भी पदाथं अधिक अनुपात में दोगा तो वह उतनी अच्छी तरह से नहीं जलेगी, और उसके फूटने में भी कम शक्ति होगी और ट्‌क्टर भी कम शक्ति से चलेगा | और अगर पावरीन बहुत अधिक हो जायेगा तो सब तो जलेगा नहीं, जो बचेगा वह सिलेंडर के अन्दर बह जायेगा और यह क्रक केस में चिकनाई देने बाले तेल से मिल जायेगा । इससे इन्जिन का तेल पतला हो जायेगा है और वह इन्जिन को ठीक तरह से चिकना नहीं रखेगा और इन्जिन जल्दी ही खराब हो जायेगा । अगर पावरीन देने से पहले इन्जिन को भली प्रकार नही ग्माया जायेगा तो भी यही वात चेदा होगी । वेपराजिङ्ग प्लेट अच्छी तरद्‌ गमं नहीं होगी श्र न




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