उपयोगितावाद | Upayogitavad

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उमराव सिंह कारुणिक - Umrav Singh Karunik

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जॉन स्टुअर्ट मिल - Jon Stuart Mil

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( २८ ) चारह चर्षे की थायु में मिल मे श्रीक और लेटिन भाषा का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था । वेरह बष तीन मास की आयु में मिठ ने अपने पिता के मित्र सर सेमुअल बेन्थम (57 8६एएए81 86060) को एक पत्र लिखा था जिसमें उसने गत चार वषे के अपने अध्ययन का ब्यौरा दिया था । इस पत्र को देखने से पता च्छता है कि इन चार वर्पः मे उसने यूनानी भाषा मे थ्युसीडीडीज्ञ (1051768), अनाक्रियन (41861601) तथा थियोक्रीरस के ग्रन्थ पढ़ डाले थे। होमर की औडेसी _ (0त68567) मी देख डाली थी । एसकी ज़ (3 ०80103), डिमा- सेधिनी ज़॒(1)067000500067065), -एसकाईलस (6500 ४108), सीफ़ोक्ठीज ( 8०000065 ); यूप्रीडीज ( एष6७5 ) तथा एरिस्टोफे नस (477500700870685) के बहुत से ग्रन्थों का अध्ययन भी किया था | अरस्तू कौ रिटारिक (16100) तथा आरभैनन (0८20) का दुं भाग भी देखा था | प्लेरो के डायछाग (180*8 [218104प९) तथा पिन्डार (;52), पौटीबियस ( 201 10778 ) ओर ज नोफन (९6107101) के कुड ग्रन्थ भी पढ़े थे | लेटिन में सिसैरों की बहुतसी वक्ततायें, ओविड (06) हीरस (००९०९), वरजिट ( ए71011 ) कै श्रन्थ तथा * लिवी ” (एप ) की पांच पुस्तकों का अध्ययन किया था | रेसीरस ( (व्लाप्ड ) जुवंनरु (च १९६) तथा क्विनरटिलियन की तो क़रोब २ सब ही पुस्तकें पढ़ डाली थीं । गणित शास्त्र में बीज- गणित, रेखागणित तथा त्रिकोणमिति का आरम्भ कर दिया था । अन्तिम वषे में यूनानी, लेटिन तथा अदुरेज़ी भाषा के लेखकों के तकं शास्त्र विषयक ग्रन्थों का अध्ययन किया था | अर्थं शास्त्र तथा रसायन शस्त्र ((ाश्पारप्क) भी देखा था। द्वितीय




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