हमारी राष्ट्रीय समस्याएँ | Hamari Rashtriy Samasyaen

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Hamari Rashtriy Samasyaen by भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) स्या - भाषा की बात - संस्कृति का विचार-साम्प्रदायिक भावना- गिरी की चाह--वबतमान परिस्थिति--थ्यान देने की बात-- तप्रो तीय सहानुभूति श्रौर सहयोग । पष्ठ ६६ से १०६ तेरहवाँ पर च्देद आथिक समस्या; (१) भोजन भोजन की समध्या का महत्व - भोजन की समस्या का श्रार्थिक ब्प - शर्की कमी, श्रंगरेजों के समय में--बमां के श्रलग होने, र योरपीय महावुद्ध का प्रभाव-पाकिस्तानं अनने का परिणाम- म को श्रायात चन्द्‌ करने को बात-समस्याको हल करने के उपाय- पादन चटाया जाय - अपव्यय रोका जाय- शहर बालों का एक पष कत्त व्य-- लोभ श्रौर श्रनेतिकता को दूर किया जाय--बनों को या जाय--विशेष वक्तव्य । पृष्ठ १०६-२० चौदहवां परिच्छेद आधिक समस्या, (२) कपड़ा भारतीयां के वक्त कौ दशा-कपास की स्थिति --सूत को बात-- र मं स्वावलम्बन-गरम कपड़ों का सवाल - विशेष वक्तव्य | पृष्ट १९०-९४ पन्द्रहवां परिच्छद्‌ आधिक समस्या; (३) मकान घर-द्दीन नागरिकों की कल्पना दुः्खदायी है--भारतवासियों के गन--शहरों के मकान--देहातों के मकान--शहरों में सुघार-- द्योगिक मज़दूरों के लिए दस लाख घरों की योजना मकानों का कार-प्रकार --श्रन्य सुविघाएँ--खानों श्रौर रेलों के मज़दूरों का र - गाँवों के मकानों की पूति कब्र होगी १--नागरिकों में सवोंदय भावना | पुष्ठ १२५-३२१




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