श्री अरविन्द और उनका योग | Shri Aravind Aur Unaka Yog
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
115
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about लक्ष्मण नारायण गर्दे - Lakshman Narayan Garde
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ५]
--अथांत् जो कुछ भी करते हो वह मुझे अपण करो ।
'सवेधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं वज्ञ ।'
--समस्त धर्मोको त्यागकर केवल एक मेरी शरण हो
आदि महावाक्यौको श्रीअरविन्दके योगकी साघना पूर्ण
रूपसे कायम परिणत करती दै । यदि किसीको गीताके
कमयोग; भक्तियोग ओर ज्ञानयोगका समन्वय ओर उनकी
कायंमें परिणतिका दिग्द्शन करना है तो वह उसे पाण्डिचेरी-
स्थित श्रीअरविन्द-आश्रममें खोजनेपर पा सकता है ।
प्रस्तुत पुस्तकमें श्री अररविन्दके जीवन; उनके योग और
उनके शास्त्रकी बहुत ही संक्षिस चचा हे। इस पुस्तकके लेख
श्रीअरविन्द-आश्रमके कतिपय साधकों ओर भक्तोंद्वारा
लिखे हुए हैं । हमारा विश्वास हे कि इससे पाठकोंकी
आध्यात्मिक खोजकी सुरुचिकी यथेष्ट बृद्धि होगी ।
भ्रीअरविन्दके विभिन्न ग्रन्थ शीघ्र ही इस प्रन्थमाखद्रार
प्रकाशित किये जायेंगे ।
विनीत,
मदमगोपार
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