भाषा ज्ञान एवं रचना बोध | Bhasha Gyan Avam Rachana Bodh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
353
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)षवद बोधं १५
प्रयोग--राम बड़ा ही उद्धत लड़का है। वह सदा ही दुसरों से छेड़छाड़
किया करता है । यह्
उ यतते यार 1 गा,
प्रेयोग--मैं सब कुछ करने को उद्यत हं वशत कि मै पास हो जाऊ ।
८. कुलल्वंदा । का
प्रयोग--राजपुत श्रपने कुल की मर्यादा का सदा ध्यान रखते थे । ग्रीन
कुल तट, किनारा ।
प्रयोग--वाढ़ के कारण इस नदी के दोनों कल दूर तक कट गये हैं ! पने
६. उद्य मप्रयत्न । के
प्रयोर--चिना उद्यम कुछ भी प्राप्त नहीं हो सकता ।
उधम=उपद्रव । तक
प्रयोग--मोहन श्राजकल बहुत उधम मचाने लगा है ॥
९०. गरन्वाण । ई!
प्रयोग--तीक्षण दारो से विद्ध होकर चह् रणशषे्र मे गिर पड़ा 1 नु-
सरस रोबर, तालाब 1
प्रयोग--सब सरों मे सानसरोवर पवित्र मानी जाती है! करौ
९१. छुल्कल्फीस, चन्दा 1 श
प्रयोग---दइस पिका का वार्षिक शुल्क क्या है ? दि
शुक्ल =स्वच्छ, सफेद । द
प्रयोग--मेरा जन्म शुक्ल प्ष में हुग्र था । हस के पंख शुवल होते हैं । ४
१२. प्रसादन्छषा, देवता का भोग । १
प्रयोग--शुरुजनों के प्रसाद से मेरा कार्य सफल हो गया । उत्तीर्ण होने ६
पर उसने गणेशजी क प्रसाद चदाया ।
प्रासादल्महल ही गोग
प्रयोग~-भव्य प्रासादो मे निवास करने वाले उन दीन-दुखियों के कट + ४
ह्
को क्या जाने जो सड़क पर सोकर रात ग्रुजारते हैं ।
९३. श्रंसन्कन्धा दि
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