भारतीय अर्थशास्त्र | Bhartiya Arthshastra
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
376
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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विक्रय सम्बन्धी ब्यहुविधाएँ--दलालों की श्धिकता-पदार्थों के
माव-ताव करने मे विवय में-दाट-व्यवस्या-साल का विदारनना
व्यापारिक सफलता श्रौर ईमानदारो--युद्धं श्रौर देशी व्यापार ।
एष्ट २५१२६१५
बोसवां अध्याय
विदेशी व्यापार
प्राकपन-- भारतवर्ष का प्राचीन व्यापार--व्यापार का परि-
माण--व्यापार का स्व॒रूप--शझ्ायात की वस्तुएँ -रूई श्रौर सती माल
-रेशमी शरोर ऊनी माल-लंदिश्रौर फौलाद का सामान--चीनी
--मिष्ठौ का तेल श्रौर पेरेल--कागक्न~- श्राया की श्रन्य वध्ठर्प--
हमारे निर्यात के पदार्थ; जट श्रौर उमका षामान--रूई श्रौर सूती
माल--खाद्य पदा्थं--तेलइन-- चाय-- चमा श्रौर खाल--ऊन--
घातु--ब्यापार की बाकी--सीमा की राह से ब्यापार--श्रायात-निर्पात
सम्बन्धी विरोप वव्य--विदेशं वदिष्कार श्रौर विरवर्थधुत्व--विदेशो
में मारतवर्ष का. गौरव--युद्ध श्रौर विदेशी व्यापार--य॒दधोत्तर
ब्यापार |
पृष्ट २६५-- २८२
इकीय्वाँ अध्याय
विदेशों व्यापार की नीति
संरचण नौति--मुक्तद्वार-व्यापार-नौति--इन नीतियों का ब्यव- ४
हार-मार्त को ज्यापार नोति--निरयोतनकर--साधाज्यास्तगंत रिया-
यत--खाप्नार्य सम्बन्धी व्यापार का स्वन्प--खाघ्नाज्यान्तर्गत रिवायत
से भारत क हानि-च्यापारिक खममतते--व्यापार नीति श्रौरः श्रन्त-
राष्ट्रीयता । ष्ठ दे८४--र६र्
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