अजी सुनो | Aji Suno
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
183
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अज्ी सुनो
वह कहती हैं--''करणटोल खाक,
तुम देखो उस बाबू ' के घर--
क्ल ही तो एक नई बोरी--
गेहूँ की भर कर श्रा हे)
में हाय उन्हें क्या. बतलाऊं
बे सेक्टर वाइन रहै श्रत्ते
पहले से नाम लिखासे की
बहू हिम्मत श्रव फल लाइ |
फिर - उमकी जान हथेली पर,
रहती है फर्जी हमले में,
उस . मुकाबिले. में खाक एक
बोरी उनके. घर आई है।
पर यह सुन कब चुप रहती हैं,
यू बड़े ठढाठ से. कहती है-
“ लन्ला फे चाचा | तम भी कुछ,
एसी दही. जाकर पोल करो
_ हे मजिस्ट्रेट महाराज *'
पर भै गेहूं के लाते हैं,
सन्दूकों पर भी तले दहै
हम बेकारी . के . घाले . हैं,
पर उनके ठाठ निरले .हे।
मखः
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