अजी सुनो | Aji Suno

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Aji Suno by गोपाल प्रसाद व्यास - Gopalprasad Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अज्ी सुनो वह कहती हैं--''करणटोल खाक, तुम देखो उस बाबू ' के घर-- क्ल ही तो एक नई बोरी-- गेहूँ की भर कर श्रा हे) में हाय उन्हें क्या. बतलाऊं बे सेक्टर वाइन रहै श्रत्ते पहले से नाम लिखासे की बहू हिम्मत श्रव फल लाइ | फिर - उमकी जान हथेली पर, रहती है फर्जी हमले में, उस . मुकाबिले. में खाक एक बोरी उनके. घर आई है। पर यह सुन कब चुप रहती हैं, यू बड़े ठढाठ से. कहती है- “ लन्ला फे चाचा | तम भी कुछ, एसी दही. जाकर पोल करो _ हे मजिस्ट्रेट महाराज *' पर भै गेहूं के लाते हैं, सन्दूकों पर भी तले दहै हम बेकारी . के . घाले . हैं, पर उनके ठाठ निरले .हे। मखः




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