हीरे की बातें | Hire Ki Baten

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : हीरे की बातें  - Hire Ki Baten

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about प्रेमनारायण टंडन - Premnarayan tandan

Add Infomation AboutPremnarayan tandan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
तल निकुंज के कुसुमित सुमनों की सुगंध से मस्त हो जब लताओं से अठखेलियाँ कर रही थो तमो ज्ञाति की खोज मे पागल कवि उसके मधुर सपन से चौक पड़ा । जिज्ञासा भरी दृष्टि से विने क्रीड़ा में रत वायु की ओर देखा; जैसे वह जानना चाहता था कि अखिल विदव के कोने-कोने में रमने वाली यह वायु तो शांति का ठौर जानती ही होगी तमी एक झोंका आया । वायु ने मानो उत्तर दिया--संभी दिशाओं में, सभी स्थलों मे इतनी तीव्र गति सेम शांति का निवास ही खोजती फिरती हूँ; परंतु कहीं भी तो शांति नहीं भिलौ । करि बांति की आशा से ही तो मैं तुम्हारे पास आयी थी । व! 4 ८ ५९ कवि उत्तर सुनकर ठगा-सा रह गया ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now