रेशमी पत्रों का षडयंत्र | Reshami Patron Ka Shadayantra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
137 MB
कुल पष्ठ :
243
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२............. रेशमीपत्रों काषड्यन्त्र ~
ही
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श्र उसफे साथी षड़यन््रकारियों ने एक अस्थाई सरकार बननेकी
भी योजना बनाई थी, जो बटिश-शासन समाप्त करने पर भारतीय -
शासन की व्यवस्था करती । एक व्यक्ति महेन्द्रमताप उसका प्रधान होने
बाला था । यह् व्यक्ति एक अच्छे हिन्दू परिवार का था आर सन् १४
में उसे इटली, स्वीजररलंरड ओर फ्रान्स की यात्राओं का पासपोर्ट दिया...
गया था । वह् सीधा जेनेवा गया ओर वर्ह शरारती (2०००४)
हरदयाल से मिला और उसके हाया जमन कंसल से परिचयं लाभः.
किया । इसके पश्चात् वह बर्लिन चला गया ओर तब एक विशेष
मिशन परर मेजा गया, क्योंकि उसने जमंगों को अपने विचारों और
अपने महत्त्व से प्रभावित कर लिया था ।
..... उबेदुल्ला स्वयं भारत का मंत्री होने बाला था और बकतुल्ला, जो
कष्ण वमा का एक मित्र था और अमेरिका के “राद्र दल” का सदस्य
था, तथा बलिंन से क़ाबुल आया था; श्रघान मन्त्री होने वाला था । यह;
{ मौलवी बक्तुल्ला ) भोपाल के एक कमचारी का पुत्र था और
ईग्लंड, अमेरिका तथा जापान दये श्राया था । वह् टोक्यो ( जापान कौ
राजधानी) में हिन्दुस्तानी का ओफ़ेसर नियुक्त कियां गया था और
वहाँ उसने एक पत्र “इस्लामिक फ्रटरनिटी” निकाला था; जो जापान
.... सरकार द्वारा बन्द कर दिया गया। इसके पश्चात् बह अपनेपदसे ~
हटा द्विया गया ओर तव अमेरिका जाकर शरदर दलः के अपनेभ्त्रीसे ।
प्रिलगया। 2. “हि
सन् १६१६ में जमेन मिशन के सदस्य अपने उद्देश्य में असफल
होकर अकफगारिस्तान से लौट गये, किन्तु भारतीय वहीं रहे और अफ़स़ा-
.. निस्तान की ओर से रूसी तुर्किस्तान के - गवर्नर और रूस के जार को
इस प्रकार के पत्र लिखे क्कि शस को चाहिये कि वह् निटेन से सम्बन्ध-
विच्छेद करके हिन्दुस्तान से त्रिरिश शासन हटाने में सहायता दे । इन ह
बंत्रों पर महेन्द्रमताप के हस्ताक्षर थे और अन्त में वे अंग्रेजों के हाथ ` ध सा
पढ़ गये । जार को जो पत्र लिखा गया था वह स्वणे-पत्र पर था शर `
उस का एक चित्र भी हमको दिखाया गया है |
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