कांग्रेस का सरल इतिहास | Kangres Ka Saral Itihas
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
277
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ठाकुर राजबहादुर सिंह - thakur rajbahaadur singh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र् कांग्रेस का सरल इतिहास
यह श्रल्प काल्ञ दिन्दुत्तान के लिए हज़ारों यगों के समान लम्बा
ओर न. गुज़रने वाला बन गया । इस श्रवधि में सम्पत्ति की लूट,
संस्कृति का हस, कपट-नीति का प्रसार श्रौर इस देश के ज्ञान-विज्ञान,
कन्ना-विदया तथा हस्त-कोशल का रेखा भीषण बजिनाश श्रौर पतन
श्रा; इस उवंरा भूमि के निवासियों को दुने-दाने का युहताज बनाकर
और हमारी माताश्रों, बहनों को तन ढकने के वस्त्र से विहीन
करके दरिद्रता का ऐसा दानवीय दृश्य उपस्थित किया गया ; मानवता
की ऐसी घोर उपेक्षा की गई ; विषमता का ऐसा विष व्याप्त कर दिया
गया कि उससे दमारा राष्ट्रीय जीवन शून्य के निकट पहुँच गया ।
वेसे तौ भारत के लम्बे हतिष्ठास मे इस देश पर श्रनेक विदेशी
शक्तियों के दति रदे हे--शको, हूणो, यूनानियों श्रौर मुसलमानों ने
एक-एक करके भारत दधी सम्पत्ति भ्रौर राजस्वष्ो प्राप्त करनेके ब्धिए
्पने-श्रपने कालम पूरी कोशिशं कीं श्रौर डनमें से कुछ को--कम से
कम ध्न्तिम को--झपने उद्देश्य में काफी सफलता भी मिली ; पर
इनमें से कोई भी शत्रित, भारत का ऐसा झार्थिक श्र राजनीतिक
शोषण नहीं कर सकी,जेसा कि बाद में श्राने वाले फिरंगियों-- खासकर
दमगो ने कर डाला,
तब और अब
रब, जबकि हम स्वतंत्र दो चुके दें, भक्षे ही ेग्रज़ों के प्रति झपनी
कट भावना छोड़ द॑ ; पर असल में भारत में अंग्रेज़ी राज्य का इतिहास
लूट, 'घोखा-घड़ी , छल-प्रपंच श्रौर मानवता के प्रति मीषणतम श्रत्वा-
चारों का इतिहास दे श्रौर सच तो यद्द है कि मुसन्ञमानों ने कभी ऐसा
अत्याचार नद्दीं' किया कि जिसके फक्नषस्वरूप यदद' देश दरिद्रता और
मुखता के भीषण दलदल में -फसकर पना सब ङ गंवा देता । उनका
सांस्कृतिक भेद भले ही हमें न भाया हो ; पर उन्होंने इस देश के कत्ता-
कौशल भौर दस्तकारी को काफी प्रोत्साहन दिया है श्रोर जो मुखज्ञमान
यहाँ शाखकरूप में बस गये थे, उन्दोनि यहाँ के धन-्म्पत्ति को बाहर
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