हैन्स ऐण्डरसन की श्रेष्ठ कहानियाँ | Hains Aindarasan Ki Shreshth Kahaniyan

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Hains Aindarasan Ki Shreshth Kahaniyan by डॉ॰ विष्णुस्वरूप - Dr. Vishnusvarup

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जादू की डिबिया उसमे सेकड़ों दीपक जल रहें होगे । उस कमरे में तुम्हें तीन दरवाजें मिलेंगे । वहीं उनकी चाभियाँ लटकी होंगी, जिनके सहारे तुम उन्हें खोल सकोगे । पहला दरवाजा खोलनें पर तुम्हें एक कमरे के बीचोबीच एक बड़ा-सा सन्द्क रखा मिलेगा । उस सन्द्रक पर एक बड़ा भारी कुत्ता बैठा होगा, उसकी आँखें प्यालों जैसी बड़ी-बड़ी होंगी । तुम उससे डरना मत । में तुम्हें श्रपना यह नीली धारी का लबादा दे दूंगी । इसे तुम वहाँ जमीन पर बिछा देना । कुत्ते को उसी पर बेठा देना । फिर सन्दरक खोल कर जितने चाहो उतने पैसे उसमें से निकाल लेना । चाँदी के सिक्कों के लिए तुम्हें दूसरे कमरे में जाना होगा । वहाँ जो कृत्ता मिलेगा उसकी ग्रांखें चक्को के पाटो जंसी बडी-बडी होगी । इस बात की परवाह तुम मत करना । कृत्ते को मेरे लबादे पर बैठा कर चाहे जितने चाँदी के सिक्के ले लेना। सोने के सिक्कों के लिए तुम्हें तीसरे कमरे में जाना होगा । वहाँ के कृत्ते की श्रांखें गुम्बरों जेसी बड़ी-बड़ी होगी । वह होगा तो बड़ा डरावना, लेकिन तुम उसस मत डरना । उसे भी मेरे लबादे पर बैठा दोगे तो वह तुम्हें कष्ट न देगा । फिर तुम चाहे जितने सोने के सिक्के ले लेना ।' सिपाही ने कहा, श्रच्छा, बुढिया जादूगरनी ! यह सब तो ठीक है, लेकिन मुझे बदले में तुम्हारे लिए क्या करना होगा? ' न 0-0-11 0 1 बुध बल 91 १ 0 बा श्रेष्ठ कहानियाँ [ ११




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