हिन्दुस्तान की पुरानी सभ्यता | Hindustan Ki Purani Sabhyata
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
159 MB
कुल पष्ठ :
664
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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1 श्रलप्रसूदी, श्ल इदरीसी इत्यादि झरबों ने नवीं श्र दसवीं सदी में रा दर
दिन्दुस्तान का कुच् हाल लिखा । १३वीं सदी में चचनामा रथात्
_ तारीछ़ा हिन्द वा सिंध की रचना हुई जिसमें ८वीं सदी की लिखी...
इई बहुतसी बाते शामिलकरली गई । ११वीं. सदी में पंजाब
1 श्रौर सिन्ध पर हमला करके महमूद गज्नवी ने हिन्दुस्तान का
दुर्बाज्ञा उतर पच्छिम वार्लो केलिये फिर खोक दिया। उसके
दरबार का एक विद्धान् अत्वेरूनी हिन्दुस्तान शआ्राकर संस्छतका
पूरा पंडित हो गया 1 उसने हिन्दू धर्म, सादित्य, विज्ञान दत्यादि
_ का ऐसा चित्र लीचा जेक्ता पटिले किसी से स्रयालमंमीन श्राया
था | उसके बाद और मुसलमान तारीखीं में भी कहीं २ हिन्दू
सभ्यता क्री क्छ बातो का जिक्र झागया है । ग्रीक, लैटिन, चीनी
श्रौर अरब ग्रन्थौ का वहुत सा श्रनुचाद् श्रंश्रेजी के द्वारा हिन्दी
भैमीदहोच्खक्राहे।
इस तमाम सामध्री के अधारः पर इतिहास लिखने के पहिले
सभ्यता के क्षन्न पर एक नजर डालना
भूगोरुकाश्मसर जरूरी है। एशिया महाद्वीप के दक्खिन मे
{2 हिन्दुस्तान कोई १८०० मील लम्बा श्रौर `
१८०० मील चौडा देश है जिखक रक्वा ( वर्मा को छोड़ कर >)
लगभग ९५ लाख चग मीज्ञ है। पर यह याद रखना चाहिये
क्रि उत्तर की ओर नैपाल, अफगानिस्तान शर मध्य, एशिया
क्रा कुछ हिस्सा श्रौर दक्खिन की झोर लंका भी हिन्दू
सभ्यता के दायरे में शामिल थे । दूसरे, फ़ारस बलो- `
। विस्तान, सिंध श्रौर राजपूताने का रेगिस्तान पिले इतना `
0 बडा न था जितना कि झाज रहै! श्ररेल _ `
उत्तरपच्ठि् स्टाह्न वरौरह ने जमीन खोद कर बालू के
नीचे से जो शहर और मकान निकाले है वह
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