भारतीय और योरोपीय शिक्षा का इतिहास | Bharatiy Aur Yoropiy Shiksha Ka Itihas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
156 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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मूलंताका श्रनुचित राम उटाकर, उन्हें बौद्धिक दासताके
बोधकर, सदाके रयि निस्तेज, निर्यं तथा निःशक्त बना
सेवा कराते रहं । श्रा्योनि तामसौ श्रथवा मौतिक
या उनके संगरहके स्यि इन विदयारथका प्रयोगं कभी नहीं
विद्या-शक्तिसे जहाँ एक श्रोर समाज शोर
कल्याणके साधन एकत्र किए, चह्टीं . उन्होंने शअध्यारम शक्तिके
मो पूण झक्ति लगाकर परम तच्वके गुढतम, सूक्ष्मतम
खोज करके झपना झाध्यात्मिक बेमव इतना ऋद्ध कर कतिया
शक्यो उसके सम्मुख नतमस्तक हो गदं ।
५,
इडलोकिक शोर पाररौकिक तच्वोका
यह सिद्धान्त निकाल लिया था कि संसारा
बंधा हुआ है। वह जेसा करता है वैसा
द्वारा वह ४ चोरासो शीः द यो नियोंमेंसे किसी में जो मी
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