कामायनी का विवेचन | Kamayani Ka Vivechan

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Book Image : कामायनी का विवेचन  - Kamayani Ka Vivechan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कथा का आधार [ १३ तथा आधार है, वह ज्ञान से नहीं वरन्‌ हृदय से सम्बन्ध रखता है। इस दृष्टि से श्रद्धा की मुख्य तथा इड़ा की गोण स्थिति रखना कम्य ही नहीं वरन्‌ वाञ्छनीय दै । कान्य की दृष्टि से खव यह प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या कवि यह अपनी वात अपने पाठकों तक पहुँचा सका है । इस प्रश्न का उत्तर भी स्पष्ट है। कथानक, कथोपकथन शौर घटनाओं के परिणाम सभी से यह बात प्रकट होती है कि घुद्धि हृदय के पीछे है। कामायनी हो सायिका है, श्रद्धा नहीं; अकेली इड़ा गड्ढे में गिरा देनेवाली बताई गई है । अतः जो परिवत्तेन कवि से ऐतिहासिक घटनाओं में कर दिये हवे भन्थ के मूल उद्देश्य की पूत्ति करते हुए कथानक के प्रचाह के अनुकूल हुए हैं तथा काव्य की रोचकता अथवा सरसत्ता बढ़ाने में सहायक हुए हैं |




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