गांधी विचार दोहन | Gandhi Vichar Dohan
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about किशोरलाल मशरूवाला - Kishoralal Masharoovala
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खंड १ : : धर्म द
२. जो सत्य है वही दूरदर्शी दृष्टिसि हितकर अथवा श्रेष्ठ है।
इसलिए सत्य अथवा सत्का अथं श्रेष्ठ भी होता हं; ओर संत्य आग्रह,
सत्य विचार, सत्य वाणी भौर सत्य कमं जो वस्तु ह वही सदाग्रह, सद्विचार,
संद्वाणी ओर सत्कमं हं ।
३. जिन सत्य ओर सनातन नियमोद्ारा विदवका जड-चेतन. कार-
बार चलता ह, उनकी अविश्नांत खोज करते रहना तथा उनके अनुसार
अपना जीवन गढते रहना ओर असत्यका सत्यादि साधनोद्रारा प्रतिकार
करना सत्याग्रह है ।
४. जो विचार हमारी राग-द्रेष-विहीन, निष्पक्ष तथा श्रद्धा भौर
भक्तियुक्त बुद्धिको सदाके लिए, या जिन परिस्थितियोंतक हमारी दृष्टि:
पहुंच सकती हं उनमें यथारक्य अधिक समयतकके लिए, उचित और
न्याय्य प्रतीत हो, वह् हमारे लिए सत्य विचार ह् । -
५. जो वाणी तथ्यको अपनी जानकारीके अनसार क्तेव्य आ पडने-
पर ठीक-ठीक सामने रखती है और उसमें कुछ कमी-बेशी करनेका यत्न
नहीं करती, कि जिससे अन्यथा अभिप्राय भासित हो, वहु सत्य वाणी है ।
६. विचारसे जो सत्य प्रतीत हो उसीके सविवेक आचरणका नाम
सत्य कमं हं ।
७. पर सत्य जौ परमेश्वर हं उसे जाननको अपर सत्य साधन ह यह
कहिए अथवा सत्य आग्रहु, सत्य विचार, सत्य वाणी ओौर सत्य कमेंकी-
यानी अपर सत्यके पालनको-पूणे सिद्धिका ही नाम परमेश्वरका साक्षा-
त्कार ह यह कह लीजिए । साधकके लिए दोनोमें भेद नहीं हं ।
२
अहिंसा
१. साधारणत: लोग सत्य अर्थात् 'सत्यवादिता' , इतना ही स्थूल अथं
लेते है । परंतुसत्य-वाणीमें सत्यके पालनका पुरा समावेश नहीं होता । ऐसे
ही साधारणतः लोग दूसरे जीवको न मारना, इतना ही अहिसाका स्थूल
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