हमारे उस पार के पड़ोसी | Hamare Us Parake Pandosi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
348
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कि रैक ७»... ७...
हिन्दी पाठकाके लिअे
पूवं अपफ्रीकाकी ढाओी महीनेकी मुसाफिरीमे मते देखा कि वहां पर
जो दो लाख भारतीय रहते हं, अनम से करीव ८० फीसदी गृजरात,
सौराप्टर् ओर कच्छके हिन्द्-मुसटमान हं। वं सव घरमे गुजराती भाषा
बोलते हैं। जिसलिअ अनके लिअ और अनके भारतवासी स्नेही-संवधियों
वैः छिञ मेने यह पुस्तक गृजरातीमे लिखी । किन्तु पूर्व अफ्रीकाका
सवाल सारे भारतवर्षका सवाल हू । जिसलिअ यह हिन्दी अनुवाद
दाया किया गया है । थोड़े ही दिनोंमें जिसकी अंग्रेजी आवृत्ति भी
संक्षिप्त रूपमं प्रकादित होगी ।
१-१२- १९५१ काका कलेलकर
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